विदेशी तितलियों को यूपी का मौसम खूब भा रही है. हजारों किलोमीटर का सफर तय करके यह तितलियां यूपी के विभिन्न इलाकों में अपना नया घर बना रही है. उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड की पहल पर लखनऊ विश्विद्यालय के अध्ययन में इसका खुलासा किया गया है. अध्ययन में यह पाया गया है कि केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश के इलाकों में पाई जाने वाली तितलियों की क्रिसमस रेड प्रजाति नवाबगंज में डेरा जमाए हुए बैठी है. सिर्फ यही नहीं, उत्तराखंड की कई प्रजातियों ने कतनिर्याघाट वन्यजीव अभ्यारण और पीलीभीत वन क्षेत्र को अपना नया घर बनाया है. उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड की पहल पर वर्ष 2014 में एक अध्ययन की शुरूआत की थी.
मिली कई तरह की तितलियां
इस अध्ययन में लखनऊ विश्वविद्यालय के जीव विज्ञान विभाग की प्रो. अमिता कनौजिया के नेतृत्व में कई लोग शामिल थे. तितलियों की 85 प्रजातियों के उत्तर प्रदेश में पाए जाने की पुष्टि हो गई है,पांच वर्षों के इस अध्ययन में कुछ ऐसी प्रजातियां भी मिली है जो कि दूसरे इलाकों से उत्तर प्रदेश में आई है. यह पहली बार है जब विशेषज्ञों ने यूपी में तितलियों की भिन्न-भिन्न प्रजातियों भी मिली है, जो दूसरे इलाको से उत्तर प्रदेश में आई है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक शुरूआत है तितलियों की और ज्यादा प्रजातियां का पता लगाया गया है. तितलियों की और ज्यादा प्रजातियों के होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है.
लार्जकिंग प्रजाति और कॉमन मैप
तितलियों की यह प्रजाति अभी तक उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में पाई जाती रही है. डॉ अमिता का कहना है कि कर्तनियाघाट वन्यजीव अभ्यारण्य में अध्ययन के दौरान इनकी उपस्थिति दर्ज की गई है. उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों की ये प्रजातियां पीलीभीत के टाइगर रिजर्व इलाकों में जंगलों में मिली है.
नवाबगंज पहुंची क्रिमसन रेड
केवल उत्तराखंड से ही नहीं बल्कि दक्षिण भारत से भी तितलियां उत्तर प्रदेश आ रही है. लखनऊ के पास उन्नाव जिले के नवाबगंज पक्षी विहार में क्रिससन रेड नाम की तितलियों की इस प्रजाति के मिलने की पिष्टि है. इन तितलियों का नया घर उत्तर प्रदेश का अवध, पूर्वाचल, बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश.