Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को पेश किए गए आम बजट में किसानों के लिए ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ की घोषणा की. इस योजना का उद्देश्य देश में दालों के उत्पादन को बढ़ाना और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है. मिशन खासतौर पर तूर, उड़द और मसूर जैसी दालों पर केंद्रित रहेगा, जिससे देश को दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जा सके.
‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ क्या है?
सरकार ने इस मिशन को 6 सालों के लिए लागू करने का फैसला किया है. इस दौरान किसानों को बेहतर बीज, भंडारण सुविधाएं और दालों के लिए उचित समर्थन मूल्य (MSP) प्रदान किया जाएगा. इसके अलावा, जलवायु अनुकूल बीजों का उपयोग बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा, जिससे उत्पादन में सुधार किया जा सके और साथ ही किसानों को आर्थिक रूप से मजबूती मिल सकें.
सरकार द्वारा दालों की खरीद
मिशन के तहत केंद्रीय एजेंसियां अगले चार वर्षों तक किसानों से तूर, उड़द और मसूर दालों की अधिकतम खरीद करेंगी. इससे किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य मिलेगा और दालों की खेती को बढ़ावा मिलेगा. इससे देश में दालों की आपूर्ति सुनिश्चित होगी और आयात पर निर्भरता कम होगी.
किसानों को आकर्षक कीमत और भंडारण सुविधाएं
इस योजना में फसल कटाई के बाद भंडारण सुविधाओं में सुधार पर भी जोर दिया गया है. इससे किसान अपनी उपज को लंबे समय तक सुरक्षित रख पाएंगे और बाजार में सही समय पर उचित मूल्य पर बेच सकेंगे. इसके अलावा, दालों में प्रोटीन की मात्रा और उत्पादकता बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे पोषण सुरक्षा में भी सुधार होगा.
कैसे होगा किसानों को लाभ?
- तूर, उड़द और मसूर की खेती करने वाले किसानों को सरकार से सीधा समर्थन मिलेगा.
- केंद्रीय एजेंसियां किसानों से अधिक मात्रा में दालों की खरीद करेंगी, जिससे बाजार में स्थिरता बनी रहेगी.
- जलवायु अनुकूल बीजों और आधुनिक भंडारण सुविधाओं से किसानों को नुकसान कम होगा.
- दालों की कीमतों में स्थिरता आएगी और उपभोक्ताओं को भी लाभ मिलेगा.
निष्कर्ष: ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ के तहत भारत में दाल उत्पादन को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है. यह योजना किसानों को आर्थिक मजबूती देने के साथ-साथ देश की खाद्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगी.