बजट 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से घरेलू उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग (Home Appliances and Consumer Electronics Industry) ने अपने लिए कई प्रकार के समर्थन की मांग की है. इलेक्ट्रॉनिक निर्माताओं ने कहा कि सरकार को तैयार इलेक्ट्रॉनिक्स के आयात (Import of Electronics) पर सीमा शुल्क बढ़ाना चाहिए. इससे आयात को बढ़ावा नहीं मिलेगा और घरेलू विनिर्माताओं को फायदा मिल सकेगा.
क्या है बजट 2022 में इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों की मांग (What is the demand of electronic industries in budget 2022)
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इसके अलावा पीएलआई योजना (PLI Scheme) के तहत घरेलू खिलाड़ियों के लिए अनुसंधान एवं विकास (Research & Development) पर प्रोत्साहन की घोषणा करने की मांग की गई है. यह उद्योग करीब 75 हजार करोड़ रुपये का है. उनका कहना है कि इन उपायों से घरेलू विनिर्माण (Domestic Manufacturing) को बढ़ावा मिलेगा.
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कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड एप्लायंसेज मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (Consumer Electronics and Appliances Manufacturers Association) ने कहा कि करीब 75,000 करोड़ रुपये का उद्योग कुछ फैसलों की उम्मीद कर रहा है जिससे घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिल सकेगा.
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सिएमा के अध्यक्ष एरिक ब्रेगेंज़ा (Siema President Eric Breganza) ने कहा, "स्थानीय निर्माताओं को और प्रोत्साहित करने के लिए, भागों और तैयार माल के बीच शुल्क में पांच प्रतिशत का अंतर होना चाहिए. यह निर्माताओं को बहुत जरूरी प्रोत्साहन देगा और भारत में विनिर्माण आधार बनाने में मदद करेगा.
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वहीं एलईडी उद्योग (LED Industry) के लिए आने वाले पांच वर्षों के ढांचे के लिए भी सिएमा ने एक रोडमैप भी मांगा है ताकि उचित निवेश और नीतिगत हस्तक्षेप का प्लान बनाया जा सके. एरिक ब्रेगेंजा ने कहा कि उद्योग को उम्मीद है कि सरकार एयर कंडीशनर पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) को घटाकर 18 फीसदी कर देगी. इसके अलावा उद्योग जगत ने टेलीविजन पर कर में कमी की भी मांग की है.
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गोदरेज अप्लायंसेज के बिजनेस हेड और एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट कमल नंदी (Kamal Nandi, Business Head and Executive Vice President, Godrej Appliances) ने कहा, 'एयर कंडीशनर अभी भी 28 फीसदी के उच्चतम टैक्स ब्रैकेट में आते हैं. हमें उम्मीद है कि इसे घटाकर 18 फीसदी किया जाएगा'.
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पैनासोनिक के सीईओ मनीष शर्मा (Panasonic CEO Manish Sharma) ने कहा कि उद्योग पूरी तरह से निर्मित ऑडियो उत्पादों पर आयात शुल्क में वृद्धि की उम्मीद कर सकता है.
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BSH होम अप्लायंसेज BSH Home Appliances), जो भारत में बॉश और सीमेंस ब्रांडों के तहत निर्माण और बिक्री करता है उसने सरकार से आयात शुल्क में कमी पर विचार करने का आग्रह किया है. बीएसएच होम अप्लायंसेज के एमडी और सीईओ नीरज बहल ने कहा, "हम सरकार से आयात शुल्क में कमी पर विचार करने की भी अपील करते हैं, क्योंकि उच्च शुल्क दरें उपभोक्ता श्रेणी की विकास क्षमता को प्रभावित कर रही हैं".
भारत के कौशल विकास और उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajiv Chandrashekhar, Minister of State for Skill Development and Entrepreneurship and Electronics and Information Technology of India) ने कहा है कि भारत अगले 2-5 वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का केंद्र होगा, यह तभी संभव है जब इसका बाजार बढ़ेगा.
भारत एक मूल्य संवेदनशील बाजार है. अगर सरकार 28 प्रतिशत जीएसटी लेती है तो हम कभी भी प्रतिस्पर्धी नहीं होंगे. सभी बड़े अप्लायंसेज और टीवी पर 18 फीसदी टैक्स स्लैब होना चाहिए.
भारत में थॉमसन के एक्सक्लूसिव ब्रांड लाइसेंसधारी एसपीपीएल के सीईओ अवनीत सिंह मारवाह ने कहा, सरकार ने पहले ही आश्वासन दिया है कि अगर जीएसटी संग्रह एक तिमाही के लिए 1 लाख करोड़ से ऊपर होगा तो वे इस पर विचार करेंगे.
इलेक्ट्रॉनिक कंज्यूमर को मिल सकता है फायदा (Electronic consumer can get benefit)
अब ऐसे में देखना यह है कि क्या इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्रीज की मांग पूरी होगी या नहीं. बता दें की अगर यह मांगे पूरी होती है तो TV और AC जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामानों की कीमतों में गिरावट आ सकती है.