केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसानों की आय (Farmers Income) बढ़ाने और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आम बजट 2022 (Union Budget 2022) में कुछ बड़े ऐलान कर सकती है इस अनुमान लगाया जा रहा है. सरकार की कोशिश है कि किसानों को बदलते बाजार के अनुरूप तैयार किया जाए, जिससे वे अधिक से अधिक लाभ उठा सकें.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी. इस दौरान कृषि बजट 2022 (Agriculture Budget 2022) में वैल्यू एडिशन (मूल्यवर्धन) को प्रोत्साहित करने के लिए निवेश की घोषणा हो सकती है. साथ ही किसानों को इस काम के लिए प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान सरकार द्वारा किया जा सकता है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी सूत्रों ने कहा कि पूरा विचार वैल्यू एडिशन और बैकवर्ड लिंकेज को बढ़ावा देने के लिए निवेश के लिए सहायता प्रदान करना है. इसमें देश के किसानों को निर्यात में मदद करने के लिए बाजार स्थापित करने के लिए समर्थन भी शामिल होगा.
फूड प्रोसेसिंग सेक्टर हो सकती है केंद्र की निगाहें
इसके अलावा, सरकार तमाम अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात में मदद करने के लिए ट्रांसपोर्ट, मार्केटिंग और ब्राडिंग के लिए भी प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान कर सकती है. पिछले साल ही सहकारिता क्षेत्र के लिए नए मंत्रालय का ऐलान हुआ था. बजट में इसे मजबूती देने के लिए भी घोषणा संभावित है.आपको बता दें फूड प्रोसेसिंग के लिए सरकार पहले ही 10,900 करोड़ रुपए के प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) का ऐलान कर चुकी है. इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में स्टोरेज और लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए अलग से भी पीएलआई स्कीम की घोषणा हो सकती है. कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों के ग्रॉस वैल्यू ऐडेड का 11.38 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से आता है. नई घोषणाओं से सरकार इसे और बढ़ाने की योजना बना रही है
आने वाले समय में अगर इस क्षेत्र में सरकार किसानों और मदद करती है तो यह भारतीय किसानों के लिए सुनहरा अवसर होगा. इतना ही नहीं लाखों किसानों को मुनाफा के साथ रोजगार भी मिलेगा.
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पारंपरिक फसलों की आय पर निर्भरता कम करनी होगी
इक्रा (ICAR) की मुख्य अर्थशास्त्री अदिती नायर ने मीडिया से बात-चीत में कहा कि अगर हम चावल के निर्यात पर निर्भरता कम करते हैं तो कृषि उत्पादों का वैल्यू एडिशन और एक्सपोर्ट अधिक टिकाऊ निर्यात वृद्धि हासिल करने में एक लंबा सफर तय कर सकता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों की कमाई को बढ़ाने के लिए एक फसल पर आय की निर्भरता कम करनी होगी. इसके लिए किसानों को लोन मुहैया कराना और समर्थन योजना जरूरी है. वहीं अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अब प्रत्येक कृषि उत्पाद के लिए क्षेत्रीय की बजाय वैश्विक मांग और बाजार को देखकर नीतियां बनें. वहीं खुदरा बाजार से भी प्रोसेसिंग उद्योग को जोड़ा जाए.
इसके लिए सरकार को कोल्ड स्टोरेज सहित लॉजिस्टिक्स में तेजी से निवेश को प्रोत्साहित करना चाहिए. तभी जाके हम कृषि व्यवस्था का चौतरफा विकास करने में सक्षम होंगे.