अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, तो ऐसे में हर एक राजनीतिक पार्टी जनता को लुभाने में जुटी है. एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गन्ना मूल्य बढ़ाकर किसानों को रिझाने का प्रयास कर रही है.
वहीं अब भाजपा उस आंदोलन को फर्जी साबित करना चाहती है, जो कृषि कानूनों के खिलाफ विपक्षी दलों के समर्थन से चलाया जा रहा है. इसके लिए पार्टी के किसान मोर्चा ने हर ग्राम पंचायत में किसान चौपाल आयोजित करने की रूपरेखा तैयार की है.
किसान चौपाल आयोजित करने का लक्ष्य
दावा किया जा रहा है कि किसान चौपाल के जरिए ना सिर्फ मोदी-योगी सरकार के किसान हित के निर्णय बताए जाएंगे, साथ ही ग्रामीणों को बताया जाएगा कि यह आंदोलन फर्जी है. दरअसल, भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश और क्षेत्रीय पदाधिकारियों की बैठक हुई.
इसमें सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर किसान हित के फैसलों के लिए पीएम मोदी और गन्ना मूल्य बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया गया. इसके साथ ही विचार-विमर्श कर किसान चौपाल आयोजित करने का फैसला लिया गया.
कब आयोजित होगी किसान चौपाल
माना जा रहा है कि सभी ग्राम पंचायतों में किसान चौपाल का आयोजन 15 से 30 अक्टूबर के बीच होगा. ये चौपाल केंद्र व प्रदेश सरकार की किसान हितैषी नीतियों को किसानों तक पहुंचाने के लिए आयोजित की जा रही हैं.
किसान मोर्चा द्वारा सभी ग्राम पंचायतों में किसान चौपाल का आयोजित होंगी. इस चौपाल में शामिल मोर्चा के पदाधिकारी गांव-गांव जाएंगे और किसानों को केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों की जानकारी देंगे.
उन्हें बताएंगे कि देश में चल रहा आंदोलन किसान विरोधी व फर्जी है. इस आंदोलन के जरिए किसान प्रधानमंत्री को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके साथ ही आंदोलन के नाम पर देश के विकास में रूकावट डाल रहे हैं.
प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि केंद्र व प्रदेश सरकार को किसानों का समर्थन है. इस बात का प्रमाण लखनऊ में आयोजित किसान सम्मेलन है. बता दें कि इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए. इसके साथ ही किसानों ने तथाकथित किसान नेताओं के आंदोलन को करारा जवाब दिया है.
जानकारी के लिए बता दें कि किसान चौपाल के लिए 3 सदस्यीय समिति गठित की गई है. इसमें संयोजक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री घनश्याम पटेल, जबकि प्रदेश मंत्री सुरेश मौर्या और प्रदेश सह कार्यालय प्रभारी रामानंद कटियार सदस्य होंगे.