मोदी सरकार पर किसान विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं. सरकार की नीतियों के खिलाफ कई किसान आंदोलन और विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिले हैं. सरकार ने किसानों के हित में बेहतर और कारगर कदम उठाने के दावे किए. इस मुद्दे पर विपक्षी दल कांग्रेस ने हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी मोदी सरकार को जमकर घेरा. हालांकि, एक आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार किसानों के लिए खर्च के आंकड़ों में मोदी सरकार अपनी पूर्ववती सप्रंग सरकार से अव्वल रही है.
इस आरटीआई के मुताबिक, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को मिलने वाले मुआवजे और सब्सिडी पर मोदी सरकार ने अपनी पूर्व सरकार की तुलना में करीब साढ़े तीन गुना ज्यादा खर्च किया है. कांग्रेस ने 2009 -2014 में इस योजना पर 9830.48 करोड़ रुपये खर्च किए थे जबकि मोदी सरकार ने इन पांच सालों में इस आंकड़े को 3 गुना बढ़ाकर 37474.78 करोड़ रुपये कर दिया.
मोदी सरकार द्वारा किसानों को क़र्ज़ और सब्सिडी देने में भी मोदी सरकार ने अहम रोल निभाया है. कांग्रेस सरकार के 2009- 2014 तक के कार्यकाल में किसानों को कर्ज़ पर ब्याज में मिलने वाली सब्सिडी का जो फंड था, मोदी सरकार में वह करीब 3 गुना तक बढ़ गया. कांग्रेस सरकार ने किसानों की सब्सिडी पर 20224.89 करोड़ रुपये खर्च किए. मोदी सरकार ने कम समय में ही 59130.89 करोड़ रुपये खर्च किये.
बता दें कि यह जानकारी नोएडा में रहने वाले समाजसेवी अमित गुप्ता को आरटीआइ के जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्रालय से मिली है. इसके अनुसार-
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कुल खर्च :
मोदी सरकार
2014-15 |
2598.35 करोड़ |
2015-16 |
2982.47 करोड़ |
2016-17 |
11054.63 करोड़ |
2017-18 |
9419.79 करोड़ |
2018-19 |
11419.54 करोड़ |
कांग्रेस सरकार
2009-10 |
1539.1 करोड़ |
2010-11 |
3135.85 करोड़ |
2011-12 |
1054.33 करोड़ |
2012-13 |
1549.68 करोड़ |
2013-14 |
2551.52 करोड़ |