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Updated on: 26 November, 2020 1:56 PM IST

आज के दिन को नेशनल मिल्क डे के रूप में मनाया जात है क्योंकि आज के दिन ही श्वेत क्रांति के जनक (Father of White Revolution) माने जाने वाले वर्गीज कुरियन का जन्मदिन है. आपको बता दें कि 2014 से हमारे देश में डॉक्टर वर्गीज कुरियन के जन्मदिन को नेशनल मिल्क डे के रूप में मनाया जाता है. 26 नवंबर 1921 को केरल के कोझिकोड में जन्मे वर्गीज कुरियन के जन्मदिन के उपलक्ष पर आज हम उनसे जुड़ी कुछ विशेष बातों पर रोशनी डाल कर उन्हें याद करेंगे.

गौरतलब है कि अगले साल ही डॉक्टर वर्गीज कुरियन पूरे 100 साल के हो जायेंगे. इसमें कोई संदेह नहीं है कि कुरियन साहब द्वारा चालू की गई अमूल कंपनी आज सैकड़ों लोगों तक दूध के उत्पादों को पहुंचाने का काम बखूबी कर रही है. हमारा देश दूध उत्पादन करने में दुनियाभर में काफी आगे बढ़ चुका है, और इसका पूरा श्रेय डॉ. वर्गीज की महान और सफल सोच को जाता है.

इस बात से तो हम सभी वाकिफ हैं कि जब हमारे देश में दूध की खासी कमी होने लगी थी तब इन्होंने ही भारत की नाम दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देशों में शुमार किया था. डॉ. वर्गीज ही1970 में भारत में ऑपरेशन फ्लड के रूप में दुनिया का सबसे बड़ा डेयरी डेवलपमेंट प्रोग्राम लेकर आए थे. श्वेत फ्लड के जरिए ही भारत में दूध के उत्पादन की बढ़ोतरी हुई और भारी संख्या में लोग डेयरी उद्योग से जुड़े. पहली बार दुनिया में किसी ने गाय के पाउडर की जगह भैंस का पाउडर बनाया.1955 में कुरियन ने नई तकनीक खोज कर भैंस के दूध का पाउडर बनाया था.

कुरियन साहब दूध के उत्पादन में कैसे आए?

1949 में कुरियन ने भारत देश में दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कैरा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड (KDCMPUL)  नाम की डेयरी का काम संभाला. वर्गीज कुरियन के कमान संभालने पर दूध उत्पादन में एक क्रांति सी आ गई. इसके बाद KDCMPUL की को-ऑपरेटिव सोसाइटियां बनाई गई. दूध उत्पादन की बढ़ोतरी को देखते हुए प्लांट लगाने का विकल्प चुना गया ताकि दूध को स्टोर किया जा सके.

कैसे चुना गया अमूल का नाम?

कुरियन KDCMPUL को बदल कर कुछ ऐसे नाम की सोच में थे जिसकी पहचान दुनिया भर में बने. ऐसा करने के लिए उन्होंने अपने प्लांट के सभी कर्मचारियों के सुझाव पर KDCMPUL का नाम बदलकर अमूल नाम रख लिया जिसका मतलब होता है अनमोल.आज देश में 1.6 करोड़ से ज्यादा दूध उत्पादक अमूल प्लांट जैसे बड़े दूध उत्पादक से जुड़े हुए हैं. ये दूध उत्पादक भारत में तकरीबन 1,85,903 डेयरी को-ऑपरेटिव सोसाइटियों की मदद से अमूल तक अपना दूध पहुंचाने का काम करते हैं. यही वजह है कि आज अमूल के उत्पादक देशभर में सबसे ज़्यादा इस्तमाल में आते हैं.

डॉ. वर्गीज कुरियन को कौन-कौन से अवार्ड मिले?

अमूल के फाउंडर डॉक्टर वर्गीज कुरियन को भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण, पद्म श्री, पद्म भूषण से नवाजा गया. और तो और उन्हें सामुदायिक नेतृत्व के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार, कार्नेगी वाटलर विश्व शांति पुरस्कार और अमेरिका के इंटरनेशनल पर्सन ऑफ द ईयर से भी सम्मानित किया गया.श्वेत क्रांति के जनकडॉ. वर्गीज कुरियनका 9 सितंबर 2012 को देहांत हो गया लेकिन वो भारत एक ऐसी चीज दे गए जिसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा.

English Summary: birthday of the father of white revolution Verghese Kurien
Published on: 26 November 2020, 02:00 PM IST

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