Farmers Protest in Buxar: बिहार के बक्सर जिले में किसान बीते दो महीनों से जमीन अधिग्रहण के मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. बुधवार को इस प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया और पुलिस को किसानों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. किसानों ने इस दौरान पुलिस की जीप और बसों को आग के हवाले कर दिया.
दरअसल बक्सर जिले के चौसा में ताप बिजलीघर से जुड़ी जलापूर्ति पाइप लाइन व रेलवे लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण की जा रही है. जिसको लेकर स्थानीय किसान बीते दो माह से आंदोलनरत हैं. किसानों के आंदोनल के बीच मंगलवार देर रात पुलिस ने किसानों के घरों में घुसकर उनके परिजनों पर जमकर लाठियां (Bihar Police Lathi charge on Farmers) बरसाईं. जिसके बाद किसानों का गुस्सा पुलिस पर फूटा पड़ा और किसानों ने पुलिस को खदेड़ दिया, जिसके बाद मौके पर तनावपूर्ण माहौल हो गया. पुलिस की ओर से किसानों पर की गई बर्बरता का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
पुलिस ने घर में घुसकर किसानों को पीटा: दरअसल किसानों ने मंगलवार को निर्माणाधीन पावर प्लांट पर ताला जड़ दिया. लेकिन वहां मौजूद प्रशासन के अधिकारियों ने इसका विरोध नहीं किया. लेकिन इसके बाद पुलिस ने मंगलवार देर रात 12 बजे भारी पुलिस बल के साथ विरोध कर रहे ग्रामीण किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया. इतना ही नहीं पुलिस ने बनारपुर में घर में घुसकर सो रहे किसानों पर लाठियां बरसा दी. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. अब पीड़ित पूछ रहे हैं कि अपराधियों के सामने घुटने टेक देने वाली पुलिस ने किसानों को इतनी बर्बरता के साथ क्यों पीटा?
ये है पूरा मामला: चौसा में एसजेवीएन की ओर से पावर प्लांट के लिए किसानों की जमीन को साल 2010-11 से पहले ही अधिग्रहण किया गया था. इस अधिग्रहण के लिए किसानों को 2010-2011 के सर्किल रेट के मुताबिक मुआवजा भी दिया गया था. साल 2022 में कंपनी ने जमीन अधिग्रहण करने की कार्रवाई की, तो किसानों ने इसका विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और वर्तमान दर से अधिग्रहण की जाने वाली जमीन के मुआवजा मांग करने लगे.
किसानों ने कंपनी पर लगाया ये आरोप: किसानों का आरोप हैं कि कंपनी ने पुरानी दर पर मुआवजा देकर जबरदस्ती जमीन अधिग्रहण कर लिया था. जिसके विरोध में किसान पिछले दो माह से आंदोलनरत हैं. पुलिस ने मंगलवार रात को किसानों के घर में घुसकर महिलाओं-पुरुषों के साथ ही बच्चों के साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट की.
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कंपनी अपने वादे से मुकरी: जानकारी के मुताबिक कंपनी ने चौसा में थर्मल पावर प्लांट लगाने से पहले किसानों से वादा किया था कि वह अपने सीएसआर फंड से यहां स्कूल, होटल और रोजगार के अवसर मुहैया करवाएगी और चारों तरफ खुशहाली होगी. कंपनी ने किसानों से यह भी वादा किया था कि स्थानीय लोगों को नौकरी में वरीयता दी जाएगी. लेकिन कंपनी ने जैसे ही किसानों से एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करा लिया वैसे ही कम्पनी अपने वादे से पलट गई.
पुलिस किसानों को गिरफ्तार करने गई-थानेदार अमित कुमारः किसानों पर लाठी बरसाने वाले मुफस्सिल थाने के थानेदार अमित कुमार ने मामले को लेकर बताया कि 'एसजेवीएन पावर प्लांट के द्वारा जिन-जिन किसानों पर एफआईआर दर्ज करवाई गई थी, पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने गई थी, लेकिन किसानों ने पुलिस पर हमला कर दिया जिसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठी चार्ज किया.