बिहार सरकार ने पान उत्पादक किसानों के लिए एक खास योजना बनाई है. इस योजना के तहत पान की उन्नत खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके साथ ही पान किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने में भी मदद करेगी. यह राज्य सरकार द्वारा बनाई गई शेडनेट योजना है. इसके तहत शेडनेट में पान की खेती के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी. बता दें कि इसके जरिए राज्य के गया जिला समेत आस-पास सभी इलाकों में शेडनेट निर्माण द्वारा पान की खेती कराई जाएगी. फिलहाल, उद्यान विभाग की इस योजना पर तेजी से समीक्षा की जा रही है. कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार की मानें, तो जून तक इस योजना के तहत कार्य करने का लक्ष्य तय किया गया है.
किसानों को मिलेगी 75 प्रतिशत सब्सिडी
राज्य सरकार ने पान उत्पादक किसानों को बड़ी राहत दी है. इस योजना के तहत जो किसान पान की खेती के लिए 500 वर्ग मीटर में शेडनेट पर निर्माण करता है, उस किसान को 75 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी. बता दें कि अगर लागत 3 लाख 55 हजार रुपए है, उसके लिए सरकार 2 लाख 66 हजार 250 रुपए तक की सब्सिडी प्रदान करेगी. इसके अतिरिक्त शेडनेट में पान की खेती की लागत 70 हजार रुपए है. इस पर भी सरकार 52 हजार 500 रुपए की सब्सिडी दे रही है. सरकार का लक्ष्य है कि गया और नवादा में 12.12 इकाइयां स्थापित की जाए. इसके अलावा औरंगाबाद में 4 इकाई स्थापित की जाएं.
मगही पान को मिला 554 टैगिंग नंबर
केंद्र सरकार द्वारा मगही पान को जिओ आइडेंटिफिकेशन टैगिंग नंबर 554 मिला है. उद्यान विभाग की मानें, तो राज्य के गया जिला में 36 हेक्टेयर, औरंगाबाद में 7.2 हेक्टेयर और नवादा में 65 हेक्टेयर क्षेत्रफल में किसान मगही पान की खेती करते हैं. अभी तक किसान पारंपरिक रूप से बने बरैजा में पान की खेती करते हैं. इस खेती में कई बार किसानों को भारी नुकसान होता है. ऐसे में शेडनेट योजना इस समस्या से निजात दिलाएगी.
लाखों रुपए की लागत से बन रही मंडी
उद्यान विभाग द्वारा गया बाजार समिति परिसर में लगभग 25 लाख रुपए की लागत लगाकर पान किसानों के लिए मंडी बनाई जा रही है. यह मंडी लगभग 250 वर्ग मीटर क्षेत्र में बन रही है, जिसमें 10 दुकान, 1 गोदाम, 1 खुला प्लेटफार्म, 1 नीलामी प्लेटफार्म बनाया जाएगा. इसके साथ ही अन्य बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी. खास बात दें कि गया हवाई अड्डे से कार्गो विमान के उड़ान की अनुमति भी मिल चुकी है, क्योंकि देश और विदेशों में मगही पान की बहुत अच्छी मांग होती है.