बिहार सरकार द्वारा अब सरकारी ज़मीन पर भी आम जनता का हक बन सकता है. जिन लोगों के पास सर छुपाने को छत नहीं है और वह बिना घर के सड़कों और झोपड़ियों में गर्मी-सर्दी का सितम सहन कर रहे है उनके लिए खुशखबरी है. सरकार भूमिहीन गरीबों को सरकारी ज़मीन पर घर बनाने का अधिकार दे सकती है. जिसके लिए अब नगर नियम ऐसे भूमिहीन परिवारों का सर्वे करेगा. इसके लिए एक बैठक भी आयोजित कि गयी है. जिसका नेतृत्व नगर आयुक्त द्वारा किया गया और इस प्रस्ताव को रखा गया. जिस पर काम करने का निर्णय लिया गया.
नगर निगम क्षेत्र में सड़क, रेलवे ट्रक, जमीन पर कईं गरीब लोग झुग्गी-झोपड़ी डाल कर रह रहे है. क्योंकि न तो उनके पास रहने की सुविधा है, न उनके पास कोई रोज़गार है. सरकार भी इस विषय पर कोई कदम नहीं उठा रही थी. जिस कारण इनकी संख्या बहुत अधिक हो गई थी. अब भूमिहीन लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार अब कुल 8 हज़ार परिवारों को अपनी सरकारी ज़मीन पर आवास प्रदान करेगी.
क्योंकि आज के समय आप कही भी चले जाओ आपको हर सड़क, स्कूल, मंदिर के पास कोई न कोई झुग्गी-झोपडी देखने को मिल ही जाएगी. ऐसे हज़ारों परिवार सड़कों पर अपनी ज़िंदगी बिताने पर मजबूर हैं. जिस वजह से वह कोई सरकारी लाभ लेने के लिए भी सक्षम नहीं है. अगर उनके पास अपनी ज़मीन होगी तो वह कईं तरह की सरकारी योजना का लाभ उठा सकते है.
अब बिहार सरकार सभी लोगों को पक्का मकान उपलब्ध करवाने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चला रही है. जिस से गरीब लोगों को काफी राहत पहुंचे. लेकिन हर योजना का लाभ लेने के लिए अपने पास ज़मीन होना बहुत जरूरी है. यह सारी योजनाए 300 वर्ग फ़ीट जमीन वालों के लिए ही है. जिससे देखते हुए नगर निगम ने यह निर्णय लिया है कि जिन लोगों के पास घर या ज़मीन कुछ नहीं है, उनको सरकार अपनी ज़मीन पर आवास प्रदान करेगी.
सरकार की कुल 817 एकड़ से अधिक ज़मीन बड़े -बड़े उद्योगपतियों के कब्ज़े में है और कईं जगहों पर गरीब लोग अपनी झोपड़िया बना के रह रहे है. अब वो ज़मीन गरीब लोगों को घर बना कर दे दी जाएगी ताकि वह अपना और अपने बच्चों का भविष्य सड़को पर ख़राब न करें .