बंगाल में आए याश तूफान और मानसून के बीच में फसा बिहार अब तक अपनी परिस्थियों से जूझ रहा है. तूफ़ान और मानसून का कहर बिहार में अप्रैल के महीने से लगातार जारी है. ऐसे में आम आदमी को जहां जलजमाव की वजह से आम दिनचर्या में परेशानी हो रही है, वहीं किसानों को भी भारी नुक्सान उठाना पड़ रहा है.
खेतों और खाली जगहों पर जलस्तर काफी ऊपर आ चुका है. लगातार हो रही बारिश की वजह से चारो तरफ पानी ही पानी है. किसानों की बात करें, तो फसल लगाने से लेकर काटने तक में नुकसान हो रहा है. ऐसे में किसानों की नज़र और उम्मीदें दोनों ही सरकार पर टिकी हुई है.
बिहार सरकार ने बढ़ाया मदद का हाथ
बिहार में इस साल आई बाढ़ और भारी बारिश की वज़ह से हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए बिहार सरकार ने किसानों की तरफ मदद का हाथ बढ़ाते हुए उनके हौसले को बढ़ाया है. ऐसी परिस्थति में बहुत से किसान भाई ऐसे भी होते हैं जो हतास होकर या तो बची हुई फसल को नष्ट कर देते हैं, या फिर खेती छोड़ किसी और बिज़नेस में खुद को व्यस्त कर लेते हैं. ऐसे में जरुरी है की सरकार उनका साथ बना रहे. इसी क्रम में बिहार सरकार ने कर्ज में डुबे किसानों की मदद करने हेतु जल्द से जल्द मुआवजा देने का ऐलान किया है.
कृषि विभाग ने नुकसान का आकलन कर आपदा प्रबंधन विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसके तहत किसानों को हुए नुकसान के आकड़े दर्ज किये गए हैं.
आपको बता दें कि किसानों को 998.11 करोड़ रुपये के नुकसान की बात कही गई है. कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि राज्य सरकार उन सभी के साथ है और उन किसानों को मुआवजा राशि देगी, जिनकी फसल को नुकसान हुआ है. ऐसे में किसी भी किसान को घबराने या चिंता करने की जरुरत नहीं है.
कृषि विभाग ने प्रेस रिलीज कर जानकारी दी और कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) से मुआवजे की राशि प्राप्त होने के तुरंत बाद प्रभावित किसानों को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा.
आपको बता दें, अब तक राज्य के 30 जिलों से खरीफ फसल क्षति का आकलन कृषि विभाग को प्राप्त हुआ है. इसके अनुसार इन 30 जिलों के कुल 283 प्रखंडों के 6,45,708.63 हेक्टेयर में 33 प्रतिशत और उससे अधिक फसल क्षति की रिपोर्ट दर्ज की गयी है. जिसकी कुल अनुमानित राशि 875.27 करोड़ रुपये है.
इसी प्रकार विभिन्न कारणों से 17 जिलों में बुवाई होनी रह गयी, 1,41,227.71 हेक्टेयर क्षति के लिए 96.03 करोड़ और कुल 7,86,936.34 हेक्टेयर क्षति के लिए 971.30 करोड़ क्षति का आकलन किया गया है.
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जिसमें 6 जिले शामिल हैं जैसे पटना, नालंदा, बेगूसराय, लखीसराय, पश्चिमी चंपारण और पूर्वी चंपारण. इन 6 जिलों में 18067.65 हेक्टेयर में एक तिहाई और उससे ज्यादा फसल की क्षति का आकलन 28.61 करोड़ रुपये किया गया है.
कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार प्रत्येक मुसीबत की घड़ी में बिहार के किसानों के साथ खड़ी है. बाढ़ से प्रभावित सभी किसानों को सरकार द्वारा हर संभव सहायता उपलब्ध कराया जाएगा. साथ सरकार ने यह आश्वस्त किया की क्षतिपूर्ति में धन की कमी आड़े नहीं आएगी. सरकार का मानना है कि, सरकार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है. ऐसे में सरकार अपनी तरफ से हर संभव कोशिश करने के लिए सदैव खड़ी है.