बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर ने राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) से प्रथम मूल्यांकन चक्र में 3.08 CGPA के साथ ‘A’ ग्रेड प्राप्त किया है. यह ग्रेड 6 जून 2025 से आगामी 5 वर्षों तक प्रभावी रहेगा और विश्वविद्यालय को देश के अग्रणी कृषि विश्वविद्यालयों की श्रेणी में शामिल करता है. यह सफलता न केवल विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, अनुसंधान क्षमता, नवाचार, प्रशासनिक पारदर्शिता और समावेशी विकास का प्रमाण है, बल्कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भावना के अनुरूप विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है.
इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खान ने विश्वविद्यालय परिवार को बधाई देते हुए कहा, यह बिहार का पहला राज्यस्तरीय विश्वविद्यालय है जिसे NAAC द्वारा ग्रेड 'A' प्रदान किया गया है. यह विश्वविद्यालय की वैज्ञानिकों, शिक्षकों, विद्यार्थियों, कर्मचारियों और किसानों की सामूहिक सहभागिता एवं अथक परिश्रम का प्रतिफल है. मेरी कामना है कि विश्वविद्यालय अपने बहुआयामी व सशक्त प्रयासों से नई ऊँचाइयों को प्राप्त करे.
उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री का संदेश
बिहार के उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इसे पूरे बिहार के लिए गर्व का क्षण बताते हुए कहा कि यह सिद्ध करता है कि बिहार अब शिक्षा, शोध और नवाचार के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों की पंक्ति में खड़ा हो चुका है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों, वैज्ञानिकों, कर्मचारियों, छात्रों और किसानों के सामूहिक प्रयासों और नवाचार-प्रेरित वातावरण ने इस गौरवपूर्ण मान्यता को संभव बनाया है.
कुलपति का संदेश
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह ने इसे संस्थान की शैक्षणिक, अनुसंधानात्मक, प्रसार, प्रशिक्षण और सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति गहन प्रतिबद्धता का परिणाम बताया. उन्होंने सभी शिक्षकों, छात्रों, वैज्ञानिकों, कर्मचारियों और किसानों को बधाई दी और कहा कि यह उपलब्धि बिहार सरकार, कृषि विभाग और राज्यपाल-सह-कुलाधिपति के मार्गदर्शन और सहयोग से संभव हुई है.
NAAC टीम का दौरा और मूल्यांकन
NAAC की पीयर टीम ने 28 मई से 30 मई तक विश्वविद्यालय का दौरा कर शैक्षणिक, प्रशासनिक, आधारभूत संरचना, अनुसंधान और प्रसार से संबंधित सभी पहलुओं का गहन मूल्यांकन किया. टीम ने पाठ्यक्रम डिज़ाइन, नवाचार, अनुभवजन्य अधिगम और उद्योग-अकादमिक सहयोग की विशेष सराहना की. विश्वविद्यालय की फीडबैक प्रणाली, जिसमें छात्रों, पूर्व छात्रों, शिक्षकों और नियोजकों की सक्रिय भागीदारी है, को एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया गया.
NEP 2020 के अनुरूप परिवर्तन
विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप शिक्षा को बहुविषयक, कौशल-आधारित और परिणाम-आधारित बनाया है. छात्रों को अंतरविषयक पाठ्यक्रमों का चयन, शोध में प्रारंभिक सहभागिता और क्रेडिट ट्रांसफर जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं. यह लचीलापन विद्यार्थी-केंद्रित शिक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है.
राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत उपस्थिति
सिर्फ 15 वर्षों की अल्प अवधि में इस विश्वविद्यालय ने 3.08 CGPA अर्जित कर राष्ट्रीय मंच पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है. यह उपलब्धि स्पष्ट संकेत है कि बिहार सरकार द्वारा शिक्षा और कृषि क्षेत्र में दिए जा रहे विशेष प्रोत्साहन का सकारात्मक परिणाम अब राष्ट्रीय स्तर पर दिखाई देने लगा है.