हरियाणा (Haryana) एक ऐसा राज्य है, जो कृषि और डेयरी, दोनों क्षेत्र में अपना लोहा मनवा चुका है. ये राज्य हर क्षेत्र में सबसे आगे रहने की कवायत करता रहता है और अब बारी मत्स्य पालन (Fisheries) की है. दरअसल, हरियाणा मत्स्य पालन (Fisheries) में सबसे आगे रहने का प्लान तैयार कर रहा है.
स्प्रिंकलर सिंचाई से किसानों को मिलेगा फायदा
किसानों के लिए केंद्र सरकार कई योजनाएं चला रही है. इनमें से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना भी एक है. किसानों की आय और फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए यह स्कीम शुरू की गई है, इस योजना के माध्यम से ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा दिया जा रहा है.
मध्य प्रदेश में सोयाबीन के बीज की भारी कमी
मध्य प्रदेश के किसानों का आरोप है कि राज्य में सोयाबीन बीज की भारी कमी है. इसी कारण 60 प्रतिशत क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई का काम शुरू नहीं हो पाया है. वहीं सरकार का दावा है कि इस बार पिछले साल से अधिक बीज मौजूद है और अतिरिक्त मांग के कारण किसान बीज की कमी का झूठा आरोप लगा रहे हैं.
पूसा के वैज्ञानिकों ने किया ईजाद
मशरूम का बिस्किट, खोवा, समोसा और अचार के बाद अब लोग पनीर और गुलाब जामुन का भी स्वाद ले सकेंगे. दरअसल डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के वैज्ञानिकों ने मशरूम से पनीर और गुलाब जामुन बनाने की विधि विकसित की है. जिससे किसानों व उद्यमियों को जल्द अवगत कराया जाएगा.
कृषि जागरण के Facebook Page पर हुआ LIVE
‘कृषि जागरण’ सोशल प्लेटफॉर्म के जरिए किसानों की बातें, समस्यांए, समाधान और सफलताओं को पहुंचाने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करता है. इन्ही में से एक है "फार्मर दा ब्रांड" प्रोग्राम जो इस सप्ताह कृषि जागरण' के Facebook Page पर लाइव किया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश के किसान अनुभव दुबे ने अपने ब्रांड से जुड़ी जानकारी शेयर की. इस संबंध में अधिक जानकारी पाने के लिए विडिओ के लिंक पर क्लिक करें https://youtu.be/5d7_PpdLbVU
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों ने करवाया रजिस्ट्रेशन
मेरा पानी मेरी विरासत योजना का लाभ लेने के लिए अंबाला के 450 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. वहीं कृषि एवं कल्याण विभाग ने भी इस साल 6 हजार 300 एकड़ में कम धान लगाए जाने का लक्ष्य रखा है. जिसके लिए विभाग द्वारा किसानों को सात हजार रुपये की राशि भी दी जा रही है.
उर्वरक की कालाबाजारी हुई तो होगी कार्रवाई
खरीफ सीजन में किसानों को उर्वरक की आवश्यकता होती है, लेकिन उर्वरक किसानों को कालाबाजारी में ना खरीदना पड़े, इसके लिए कृषि विभाग के निदेशक ने अधिकारियों को कई जरूरी टास्क दिए हैं. जिसमें POS मशीन से ही किसानों को उर्वरक उपलब्ध कराए जाएंगे अगर कोई गड़बड़ी हुई तो संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी.