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Updated on: 25 February, 2021 11:50 AM IST

अगर आप मध्य प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं और पेशे से किसान हैं, तो यकीनन यह खबर आपके लिए बड़े काम की है, चूंकि मध्य प्रदेश सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कुछ ऐसा फैसला लिया है, जिसे जानकर प्रदेश के किसान खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं. बहरहाल, मध्यप्रदेश सरकार के उस फैसले के बारे में बताने से पहले हम आपको बताते चले कि केंद्र सरकार किसानों से कुल 23 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदती है, लेकिन इसके लिए पहले किसानों को प्रदेश सरकार के ई-उपार्जन पोर्टल पर खुद को पंजीकरण करवाना होता है. तभी जाकर वो किसानों से फसल खऱीदने की पात्रता हासिल कर पाते हैं. इस बीच मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के गेहूं किसानों के लिए भी कुछ ऐसा ही फैसला लिया है. प्रदेश सरकार ने गेहूं के किसानों के लिए एमएसपी पर फसल बेचने की आखिरी तारीख को बढ़ाकर 25 फरवरी कर दी है. बता दें कि प्रदेश सरकार के इस फैसले से पहले फसल बेचने की आखिरी  तारीख 20 फरवरी थी, लेकिन अब प्रदेश के किसान फसल बेचने के लिए इस उक्त पोर्टल पर 25 फरवरी तक पंजीकरण करवा सकते हैं.  

अब तक 21 लाख किसान करवा चुके हैं पंजीकरण

\यहां हम आपको बताते चले कि प्रदेश में अब तक समर्थन मूल्य पर अपना गेहूं बेचने के लिए कुल 21 लाख किसान पंजीकरण करवा चुके हैं. अब जब पंजीकरण की आखिरी  तारीख को बढ़ा दिया गया है तो ऐसे में माना जा रहा है कि और अधिक  संख्या में किसान अपना पंजीकरण करवाएंगे. बता दें कि इस वर्ष कुल 21 लाख मिट्रिक टन गेहूं बेचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

 क्यों होती है एमएसपी पर खरीद

गौरतलब है कि केंद्र सरकार किसानों को फसलों की खरीद बिक्री के दौरान किसानी को आर्थिक नुकसान से बचाने हेतु तय फसलों को खऱीदने के लिए एमएसपी का सहारा लेती है, जिससे किसानों को फसलों से होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके.

English Summary: Big News For Wheat Farmers
Published on: 25 February 2021, 11:57 AM IST

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