Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 14 March, 2023 9:30 PM IST
दो सालों में भूजल स्तर में गिरावट देखी गई है.

बिहार के हाल में हुए आर्थिक सर्वेक्षण (2022-23) के मुताबिक़ राज्य में दो सालों में भू जल स्तर में भारी गिरावट देखने को मिली है. भू जल स्तर के नीचे जाने के साथ-साथ राज्य में पानी की गुणवत्ता भी ख़राब हुई है. ऐसे हालात में आने वाले वक़्त में सूबे में पीने के पानी की किल्लत, कृषि कार्य और दूसरे काम प्रभावित हो सकते हैं. 

गिरते भू जल स्तर से किसानों को भू परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. प्री-मॉनसून भूजल स्तर के आंकलन में सारण, औरंगाबाद, गोपालगंज, सीवान, सीतामढ़ी, पश्चिमी चंपारण, खगड़िया, शिवहर, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, मधेपुरा, किशनगंज, कटिहार, अररिया में भूजल स्तर में गिरावट दर्ज हुई है.

2020 में औरंगाबाद में प्री-मॉनसून भूजल स्तर 10.59 मीटर था जो 2021 में घटकर 10.97 मी. रह गया है. गोपालगंज में 2020 में 4.10 मीटर से घटकर 2021 में 5.35 मीटर, सुपौल में 2020 में 3.39 मीटर से घटकर 2021 में 4.93 मीटर, सीवान में 2020 में 4.66 मीटर से घटकर 2021 में 5.4 मीटर रह गया है. इसी तरह दूसरे ज़िलों के भू जल स्तर में भी गिरावट देखी गई है. प्रदेश के लिए यह चिंता का सबब बना हुआ है. प्रदेश के 29 ज़िलों के 30207 वॉर्डों में भूमिगत जल की गुणवत्ता में गिरावट देखी गई है.

गिरते भूजल स्तर को लेकर बिहार सरकार का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच चल रही है और समस्याओं को दूर करने की कोशिशें जारी हैं.

ग़ौरतलब है कि देश के कई प्रदेशों में भूजल स्तर का गिरना चिंता का कारण बना हुआ. हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में हालात बदतर हैं. अब बिहार में भी यही समस्या है. अगर समय रहते ज़रूरी एहतियात नहीं बरते गए तो संभव है कि भविष्य में लोगों को पीने के पानी की कमी होने लगे. भूजल स्तर के गिरने से कृषि कार्य भी प्रभावित होंगे और बाक़ी घरेलू काम भी.

ये भी पढ़ेंः भूजल को लेकर IIT की शोध में बड़ा खुलासा, इस फसल के दुष्प्रभाव से बिगड़ी स्थिति

मानव जीवन के अस्तित्व के लिए स्वच्छ जल का होना बहुत ज़रूरी है. देश के कई राज्यों में गिरता भूजल स्तर यक़ीनन चिंता का सबब है. सरकारों को चाहिए कि इस पर गंभीर चिंतन करें और भविष्य के ख़तरों से लोगों को सुरक्षिक रखें.

English Summary: big discloser came out in economic survey, ground water level decreased in bihar
Published on: 14 March 2023, 05:51 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now