Millets for Diabetes: ये 5 मोटे अनाज खाएं, डायबिटीज हो जाएगी छूमंतर, पढ़ें 68 वर्षीय लता रामस्वामी की सफल कहानी Lobia ki Unnat Kheti: कृषि विभाग ने जारी की लोबिया की उन्नत खेती के लिए जरूरी सलाह, जानें किसान किन बातों का रखें ध्यान Watermelon Dishes: गर्मी में रोज-रोज तरबूज खाने से हो गए हैं बोर, तो तरबूज से बनें इन पकवानों का करें सेवन खेती के लिए 32 एचपी में सबसे पावरफुल ट्रैक्टर, जानिए फीचर्स और कीमत एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 14 March, 2023 9:30 PM IST
दो सालों में भूजल स्तर में गिरावट देखी गई है.

बिहार के हाल में हुए आर्थिक सर्वेक्षण (2022-23) के मुताबिक़ राज्य में दो सालों में भू जल स्तर में भारी गिरावट देखने को मिली है. भू जल स्तर के नीचे जाने के साथ-साथ राज्य में पानी की गुणवत्ता भी ख़राब हुई है. ऐसे हालात में आने वाले वक़्त में सूबे में पीने के पानी की किल्लत, कृषि कार्य और दूसरे काम प्रभावित हो सकते हैं. 

गिरते भू जल स्तर से किसानों को भू परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. प्री-मॉनसून भूजल स्तर के आंकलन में सारण, औरंगाबाद, गोपालगंज, सीवान, सीतामढ़ी, पश्चिमी चंपारण, खगड़िया, शिवहर, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, मधेपुरा, किशनगंज, कटिहार, अररिया में भूजल स्तर में गिरावट दर्ज हुई है.

2020 में औरंगाबाद में प्री-मॉनसून भूजल स्तर 10.59 मीटर था जो 2021 में घटकर 10.97 मी. रह गया है. गोपालगंज में 2020 में 4.10 मीटर से घटकर 2021 में 5.35 मीटर, सुपौल में 2020 में 3.39 मीटर से घटकर 2021 में 4.93 मीटर, सीवान में 2020 में 4.66 मीटर से घटकर 2021 में 5.4 मीटर रह गया है. इसी तरह दूसरे ज़िलों के भू जल स्तर में भी गिरावट देखी गई है. प्रदेश के लिए यह चिंता का सबब बना हुआ है. प्रदेश के 29 ज़िलों के 30207 वॉर्डों में भूमिगत जल की गुणवत्ता में गिरावट देखी गई है.

गिरते भूजल स्तर को लेकर बिहार सरकार का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच चल रही है और समस्याओं को दूर करने की कोशिशें जारी हैं.

ग़ौरतलब है कि देश के कई प्रदेशों में भूजल स्तर का गिरना चिंता का कारण बना हुआ. हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में हालात बदतर हैं. अब बिहार में भी यही समस्या है. अगर समय रहते ज़रूरी एहतियात नहीं बरते गए तो संभव है कि भविष्य में लोगों को पीने के पानी की कमी होने लगे. भूजल स्तर के गिरने से कृषि कार्य भी प्रभावित होंगे और बाक़ी घरेलू काम भी.

ये भी पढ़ेंः भूजल को लेकर IIT की शोध में बड़ा खुलासा, इस फसल के दुष्प्रभाव से बिगड़ी स्थिति

मानव जीवन के अस्तित्व के लिए स्वच्छ जल का होना बहुत ज़रूरी है. देश के कई राज्यों में गिरता भूजल स्तर यक़ीनन चिंता का सबब है. सरकारों को चाहिए कि इस पर गंभीर चिंतन करें और भविष्य के ख़तरों से लोगों को सुरक्षिक रखें.

English Summary: big discloser came out in economic survey, ground water level decreased in bihar
Published on: 14 March 2023, 05:51 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now