Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 5 October, 2019 5:23 PM IST

केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन की अपील में साथ देने में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का भी नाम जुड़ गया है. दरअसल भोपाल नगर निगम ने प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए नारियल के खोल में पौधे लगाने का कार्य किया जा रहा है, उन्होंने प्लास्टिक के उपओग को कम करन का तेजी से कार्य शुरू किया है. प्लास्टिक के उपोग को कैसे कम किया जाए इस पर काफी विचार भी किया जा रहा है. भोपाल नगर निगल ऐसा करके पर्यावरण संरक्षण पर भी कार्य करने पर कार्य कर रहा है. नर्सरी में नारियल के खोल पर पौधे रोपने से काफी फायदा भी हो रहा है.

क्या है पीएम का प्रोजेक्ट

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने मई 2019 में निगम ने बतौर पायलट प्रोजेक्ट इसकी शुरूआत की थी लेकिन पीएम की अपील के बाद इसमें तेजी आई है. यहां के नगर निगम के सुझाव पर यह प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है. इसमें नारियल पानी के ठेलों से नारियल के खाली खोल को जमा किया है. बाद में इन्ही को रोपा जाता है. नारियल के खोल में पौधे रोपने के बाद जब पौधों से होता हुआ पानी मिट्टी में मिलता है तो इससे खोल गीला बना रहता है. बाद में धीरे-धीरे खाद में बदल जाता है.

नारियल के खोल में पौधों का रोपण

भोपाल नगर निगम हर साल करीब 30 लाख रूपये की लागत से प्लास्टिक खरीदता है जिनमें पौधें रोपे जाते है. अब नारियल के खोल में पौधे लगाने का प्रोजेक्ट जब पूरी तरह से लागू हो जाएगा तब करीब तीस हजार किलो प्लास्टिक पर्यावरण में मिलने से रोका जा सकेगा. वही रूपयों की बचत भी होगा. भोपाल की किलोल नर्सरी में इसकी शुरूआत कर दी गई है जहां पर धीरे-धीरे  प्लास्टिक से निकाल कर पौधों को नारियल के खोल में रोपा जा रहा है. हालांकि अभी पूरी तरह से प्लास्टिक पर रोक नहीं लगी है विकल्प तालाशे जा रहें है

English Summary: Bhopal is ending plastic by growing plants in coconut shell
Published on: 05 October 2019, 05:25 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now