Fruit Farming: जनवरी-फरवरी में बंपर कमाई के लिए करें इन 5 फलों की खेती! Success Story: किसान से कृषि उद्यमी बने अमित, सालाना टर्नओवर 8 करोड़ रुपये तक! Success Story: किसान से कृषि उद्यमी बने राजू सिंह, मधुमक्खी पालन से सालाना टर्नओवर 1 करोड़ रुपये के पार! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 11 June, 2023 11:45 AM IST
नेताओं की रिहाई को लेकर किसानों ने बुलाई महापंचायत

हरियाणा में किसानों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज कर दी है. वह अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार के साथ आर पार के मूड में दिख रहे हैं. सूरजमुखी को भावांतर भरवाई योजना से बाहर निकालने की मांग को लेकर हाल ही में किसान हरियाणा के कुरुक्षेत्र में सड़कों पर भारी तादाद में उतरे थे. जिसके बाद पुलिस ने कई किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया. अब एमएसपी व उन नेताओं की रिहाई की मांग पर किसान पूरी तरह डट गए हैं. यहां तक कि उन्होंने शाहाबाद (कुरुक्षेत्र) में हुए लाठी चार्ज व भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी समेत अन्य किसान नेताओं की गिरफ्तारी पर 12 जून को पिपली में महापंचायत बुलाई है.

पुलिस ने जारी की नोटिस

किसानों ने बिकेयू और संयुक्त किसान मोर्चा तमाम संगठनों के कृषकों से ट्रैक्टर के साथ पिपली पहुंचने का आह्वान किया है. दूसरी ओर, इस प्रदर्शन को लेकर पुलिस भी सख्त है. इस मामले में अब तक कई किसान नेताओं के घर पर नोटिस पहुंच गया है. जिसमें कहा गया है कि पिपली में आयोजित होने वाले महापंचायत में शामिल होने से यातायात प्रभावित होगा. साथ ही इससे कानून व्यवस्था भी भंग होगी. पुलिस ने अपने नोटिस में यह भी कहा कि इस तरह के महापंचायत में शामिल होने वाले लोगों को सख्त हिदायत दी जाती है. उन्हें कानून व्यवस्था बना कर रखना है. साथ ही पुलिस ने 11 जून को लिखित में बयान दर्ज कराने की भी बात कही है.

यह भी पढ़ें- भावांतर भरपाई योजना को लेकर दूसरे दिन किसानों का आंदोलन जारी, जानें क्या है पूरा मामला

इस दिन शुरू हुई थी भावांतर योजना

किसानों को भारी नुकसान से बचाने के लिए सरकार ने भावांतर भरपाई योजना की शुरुआत की थी. 30 सितंबर, 2017 को यह योजना खासकर उन कृषकों के लिए शुरू हुई थी. जो बागवानी और मसाला फसलों की खेती करते हैं. इसका मकसद किसानों को उपज की उचित कीमत दिलाना था. इस योजना में मसाला की दो फसलों व बागवानी की 19 फसलों को शामिल किया गया था.

सरकार की तरफ से योजना में शामिल सभी फसलों की कीमत तय की गई थी. अगर उससे कम दाम में फसल बिकते थे तो सरकार पैसा देकर नुकसान की भरवाई करती थी. कई किसानों ने हरियाणा में इस योजना का लाभ उठाया. लेकिन उन्हें लगभग सभी फसलों पर एमएसपी के हिसाब से पैसे नहीं मिले. ऐसे में जब सूरजमुखी को इस योजना में शामिल किया गया तो किसान भड़क उठे और सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दी.

English Summary: Bhavantar Bharpai Yojana farmers fight with government called mahapanchayat
Published on: 11 June 2023, 11:53 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now