Groundnut Variety: जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, कम समय में मिलेगी प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया Monsoon Update: राजस्थान में 20 जून से मानसून की एंट्री, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कब शुरू होगी बरसात किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 22 June, 2020 2:26 PM IST
Poultry Industry

पश्चिम बंगाल में पोल्ट्री उद्योग संकट के दौर से गुजर रहा है. कोरोना संक्रमण बढ़ने को लेकर राज्य में पोल्ट्री मुर्गी के मांस की बिक्री पर अचनाक एक तरह से विराम लग गया था. पहले तो मुर्गी के मांस से मनुष्यों में कोरोना वायरस फैलने की अफवाह से राज्य के पोल्ट्री उद्योग में खलबली मच गई. अचानक चिकेन की बिक्री एक तरह से थम गई. अफवाह दूर करने की कोशिश चल रही थी कि तब तक देश में लॉकडाउन लागू हो गया. रही सही कसर चक्रवाती तूफान ‘अंफान’ ने पूरी कर दी. अंफान ने राज्य के तटवर्ती दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर और हावड़ा हुगली समेत एक दर्जन से अधि जिलों में भारी तबाही मचाई. अंफान के कारण कई जिलों में पोल्ट्री फार्म तहस नहस हो गए.

पश्चिम बंग पोल्ट्री फेडरेशन के मुताबिक अभी राज्य में 40 प्रतिशत पोल्ट्री फार्म बंद है. राज्य में अंडे और मुर्गी के मांस की जो मांग है, उसको ही पूरा करने लायक उत्पादन नहीं हो पा रहा है. अन्य राज्यों में मुर्गी और अंडे की आपूर्ति के बारे में तो अभी सोचा भी नहीं जा सकता है. फऱवरी में मुर्गी के मांस से कोरोना वायरस फैलने की अफवाह से लेकर अंफान के बाद अब तक राज्य में पोल्ट्री उद्योग को लगभग 1400 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है.

राज्य में पोल्ट्री उद्योग को पटरी पर लाने में अब समय लगेगा. लेकिन नुकसान की भरपाई के लिए सरकार को आगे आना होगा और बैंक को भी पोल्ट्री व्यावसायियों को कर्ज देना होगा.

फेडरेशन के मुताबिक कोरोना संक्रमण से पहले राज्य में विभिन्न पोल्ट्री फार्म से प्रति सप्ताह 2 करोड़ 80 लाख किलो मुर्गी की बिक्री होती थी. बंगाल से प्रति सप्ताह 70-80 लाख किलो मुर्गी बिहार, झारखंड, ओड़िशा और असम आदि राज्यों में आपूर्ति की जाती थी.

लेकिन अब राज्य में मुर्गी की बिक्री 1 लाख 70 करोड़ किलो तक सिमट कर रह गई है. हालांकि पशु संसाधन मंत्री स्वपन देवनाथ का मानना है कि राज्य में मुर्गी के मांस और अंडे की जितनी जरूरत है उसकी पूर्ती राज्य के पोल्ट्री फार्मों से पूरा हो जा रही है. अन्य राज्यों में आपूर्ति के लिए उत्पादन बढ़ाना होगा. मंत्री ने कहा है कि सरकार 12 लाख मुर्गी के चूजे वितिरत करेगी. पोल्ट्री उद्योग को संकट से उबारने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी.

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल पोल्ट्री क्षेत्र में देश का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है. राज्य के पोल्ट्री  उद्योग पर  लाखों लोगों की आजीविका निर्भर करती है. मुर्गी के मांस से कोरोना वायरस फैलने की अफवाह देश की सीमा पार कर विदेशों तक फैल गई. अफवाहों को विराम देने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को आगे आना पड़ा. डब्ल्यूएचओ ने मुर्गी के मांस से कोरोना वायरस फैलने की अफवाह को सिरे से खारिज कर दिया है. संस्था ने अपनी वेबसाइट पर इस संबंध में अपटडेट जारी करते हुए कहा है कि अच्छी तरह से पके हुए मांस सुरक्षित होता है और उसे खाने से कोई नुकसान नहीं होता है. हालांकि इस बारे में लोगों को और जागरूक करने की जरूरत है.

English Summary: Bengal's poultry industry lost 1400 crores!
Published on: 22 June 2020, 02:26 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now