Solar power plant for farmers: बिहार के किसानों को अब अपनी जमीन पर सोलर पावर प्लांट लगाने का एक बेहतरीन अवसर मिला है. प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान, जिसे कुसुम योजना के नाम से जाना जाता है, के तहत राज्य सरकार ने आवेदन की तारीख बढ़ा दी है. पहले यह तारीख 2 अप्रैल 2025 तक थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 23 अप्रैल 2025 कर दिया गया है. यह योजना बिहार स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड द्वारा संचालित की जा रही है और इसके तहत राज्य के 962 बिजली उपकेंद्रों से जुड़े लगभग 3188 कृषि और मिश्रित फीडरों को सोलर सिस्टम से जोड़ा जाएगा.
योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया
अगर कोई किसान इस योजना का लाभ उठाना चाहता है, तो उसे कुछ शुल्क जमा करने होंगे. इसमें निविदा शुल्क के रूप में 590 रुपये, टेंडर प्रोसेसिंग के लिए 11,800 रुपये और प्रत्येक मेगावाट के लिए 1 लाख रुपये की अग्रिम राशि जमा करनी होगी. यह राशि बैंक गारंटी या डिमांड ड्राफ्ट के रूप में जमा की जा सकती है. बिहार सरकार के ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल पर योजना से जुड़ी पूरी जानकारी और जरूरी कागजात उपलब्ध हैं.
किसानों को होगा सीधा लाभ
खबरों के अनुसार, इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आमदनी बढ़ाना है. इससे खेती के काम में बिजली की कमी दूर होगी और साफ-सुथरी ऊर्जा का उपयोग बढ़ेगा. यह योजना पर्यावरण को भी बचाएगी, क्योंकि सोलर पावर से प्रदूषण में कमी आएगी और खेती में आसानी होगी. इसके अलावा, किसान अपनी जमीन पर सोलर पावर प्लांट लगाकर बिजली बना सकते हैं, जिससे न केवल सिंचाई के लिए बिजली मिलेगी, बल्कि फसल की उपज भी बेहतर होगी और खर्च में भी कमी आएगी.
1 करोड़ 5 लाख रुपये की सहायता
कुसुम योजना के तहत केंद्र सरकार प्रत्येक मेगावाट के लिए 1 करोड़ 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. साथ ही, बिहार सरकार भी प्रति मेगावाट 45 लाख रुपये की मदद देगी. यह सहायता इस बात पर निर्भर करेगी कि कृषि फीडर पर कितनी लोडिंग है और प्लांट की कुल क्षमता कितनी है. अगर कोई किसान एक मेगावाट का सोलर पावर प्लांट लगाना चाहता है तो उसे करीब 4 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी. इसके बाद, प्लांट को 11 केवी लाइन से नजदीकी बिजली उपकेंद्र से जोड़ा जाएगा. सफल आवेदनकर्ताओं को यह काम एक साल के भीतर पूरा करना होगा और इसके बाद साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड इस सोलर पावर प्लांट से 25 साल तक बिजली खरीदेगी.
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों, किसान समूहों, पंचायतों, सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों, जल उपयोगकर्ता समूहों और स्वयं सहायता समूहों को आवेदन करना होगा. आवेदन करने के लिए उन्हें क्लास-III डिजिटल सिग्नेचर, पैन कार्ड, ईमेल और मोबाइल नंबर की जानकारी देना आवश्यक होगा. खास बात यह है कि इसके लिए किसी खास तकनीकी योग्यता या बैंक बैलेंस की आवश्यकता नहीं है. इस योजना के तहत किसी भी किसान को बड़ा निवेश करने की आवश्यकता नहीं है और यह योजना उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करने में सहायक होगी.
पर्यावरण की सुरक्षा
कुसुम योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती. सोलर पावर एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है, जिससे पर्यावरण पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता. इसके अलावा, इस योजना से किसानों को अपनी जमीन पर सोलर पावर प्लांट लगाने का अवसर मिलता है, जो न सिर्फ उनकी खेती को फायदा पहुंचाता है, बल्कि देश के ऊर्जा क्षेत्र में भी एक बड़ा योगदान देता है.