महिंद्रा ट्रैक्टर्स ने किया Tractor Ke Khiladi प्रतियोगिता का आयोजन, तीन किसानों ने जीता 51 हजार रुपये तक का इनाम Mandi Bhav: गेहूं की कीमतों में गिरावट, लेकिन दाम MSP से ऊपर, इस मंडी में 6 हजार पहुंचा भाव IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये 2 छोटे बिजनेस, सरकार से मिलेगा लोन और सब्सिडी की सुविधा एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 14 October, 2020 3:44 PM IST
Bank Of Baroda

बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से बुधवार को रायबरेली में 'बड़ौदा किसान मेला' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर रायबरेली के दो प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया. उनमें से प्रथम पुरस्कार रायबरेली के 'लेमनमैन'  नाम से प्रसिद्ध आनंद मिश्रा को मिला. यह ‘वर्चुअल मेगा किसान मेला’ था. इस मौके पर बैंक ऑफ बड़ौदा के रिजनल मैनेजर आनंद कुमार, कृषि क्षेत्र में योगदान देने और किसानों की मदद करने के लिए आनंद मिश्रा की तारीफ भी किए. बता दें, कि बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से 'बड़ौदा किसान पखवाड़ा' अभियान के तहत देश के अलग-अलग इलाकों के प्रगतिशील किसानों को सम्मानित करने के साथ ही कृषि लोन मुहैया करवाया जा रहा है. 

'लेमनमैन' आनंद मिश्रा

उत्तर प्रदेश के रायबरेली के निवासी आनंद मिश्रा ने व्यापार प्रबंधन (Business Management) की शिक्षा प्राप्त कर मल्टीनेशनल कंपनी में 13 साल नौकरी किए और फिर छोड़ दिये. क्योंकि उनका बचपन से ही बागवानी के ओर काफी रुझान था. हालांकि, नौकरी के वजह से वह अपने इस शौक को पूरा नहीं कर पा रहे थे. नौकरी छोड़कर जब वह गांव आएं तो उनकी रुचि खेती की ओर और बढ़ गई.

Lemon Man Raebareli

लेकिन उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वे कौन सी फसल की खेती करें. इसके लिए उन्होंने ने कई प्रांतों व जिलों में भ्रमण किया खेती-किसानी की पूरी जानकारी जुटाई. जिसके बाद उन्होंने थाई प्रजाति के नींबू की बागवानी करने की सोची. इसके लिए उन्होंने नीबू की उपयोगिता और उत्पादन की भी पूरी जानकारी ली. फिर उन्होंने वाराणसी से पौधा खरीदा और गांव में साढ़े तीन बीघा भूमि पर कुल 900 पौधे लगाए. जिसके बाद उन्हें नींबू के एक पौध से सालाना 20 से 25 किलो बिना बीज का फल मिलने लगा.

नींबू की खेती से लाखों की कमाई

अब खुद ही व्यापारी गांव आकर उनसे माल खरीद कर ले जाते हैं. इसके अलावा आनंद मिश्रा से सोशल मीडिया के जरिए कई राज्यों के किसान उनके साथ जुड़ें हुए हैं जो उनसे नींबू की बागवानी के बारे में जानकारी समय – समय पर लेते रहते हैं. आनंद मिश्रा ने अपने गांव में ही नींबू के पौधों की नर्सरी भी खोल रखी है. वर्तमान समय में, वह नींबू की खेती से लाखों की कमाई कर रहे हैं.

English Summary: Bank of Baroda honored 'Lemon Man' Anand Mishra
Published on: 14 October 2020, 03:49 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now