New Rule: फरवरी की शुरुआत के साथ ही देशभर में कई नए नियमों में बदलाव कर लागू कर दिया गया है, जिनका असर आम आदमी की जिंदगी पर पड़ेगा. बैंकिंग से लेकर UPI ट्रांजेक्शन और ATM चार्जेस तक कई बदलाव किए गए हैं. वहीं, आज 1 फरवरी 2025 को आम बजट/Gereral Budget भी पेश किया गया, जिससे नए वित्तीय फैसले भी सामने आ सकते हैं. आइए जानते हैं 1 फरवरी से कौन-कौन से नियम बदल गए हैं.
नए नियम आज से लागू
सरकार के द्वारा बदले गए सभी नए नियम 1 फरवरी 2025 से प्रभावी हो गए हैं. सरकार और बैंकिंग संस्थानों ने इन बदलावों को लेकर पहले ही घोषणा कर दी थी. अब देखना होगा कि बजट 2025 में सरकार आम जनता को और क्या राहत देती है.
1. ATM से कैश निकालने के नए नियम
- अब हर महीने सिर्फ 3 बार मुफ्त में ATM से पैसे निकाले जा सकेंगे.
- इसके बाद हर बार 25 रुपये का चार्ज लगेगा, जो पहले ₹20 था.
- अगर किसी दूसरे बैंक के ATM से पैसे निकालते हैं, तो 30 रुपये शुल्क देना होगा.
- 1 दिन में अधिकतम 50,000 रुपये तक ही निकाला जा सकता है.
2. UPI ट्रांजेक्शन में बदलाव
- नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के नए नियमों के तहत *UPI ID में स्पेशल कैरेक्टर्स (#, @, $, ) का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा.
- अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर्स (अक्षर और संख्या) से बनी ID ही मान्य होगी.
- नियम का पालन न करने वाले यूजर्स की UPI ID ब्लॉक कर दी जाएगी.
- डिजिटल भुगतान को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए यह बदलाव किया गया है.
3. सेविंग अकाउंट पर ब्याज दर में बढ़ोतरी
- भारतीय स्टेट बैंक (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और अन्य बैंकों ने बचत खातों पर ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला किया है.
- बचत खाते पर ब्याज दर 3% से बढ़ाकर 3.5% की जा सकती है.
- सीनियर सिटिजन को 0.5% ज्यादा ब्याज मिलेगा.
4. मिनिमम बैलेंस की नई सीमा
- SBI खाताधारकों को अब अपने सेविंग अकाउंट में कम से कम 5000 रुपये रखना होगा, जो पहले 3000 रुपये था.
- PNB ग्राहकों के लिए मिनिमम बैलेंस 1000 रुपये से बढ़ाकर 3500 रुपये कर दिया गया है.
- केनरा बैंक में भी मिनिमम बैलेंस सीमा 1000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दी गई है.
- न्यूनतम बैलेंस न रखने पर अतिरिक्त शुल्क वसूला जाएगा.
कैसे पड़ेगा जनता पर इन बदलावों का असर ?
- ATM ट्रांजेक्शन महंगे हो जाएंगे, जिससे लोग डिजिटल पेमेंट को ज्यादा प्राथमिकता देंगे.
- UPI ट्रांजेक्शन को अधिक सुरक्षित बनाया जा रहा है, जिससे ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले कम होंगे.
- बचत खातों पर ब्याज बढ़ने से ग्राहकों को फायदा होगा, खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों को.
- मिनिमम बैलेंस बढ़ने से खाताधारकों को अपने खातों में अधिक बैलेंस बनाए रखना होगा, नहीं तो जुर्माना देना पड़ेगा.