वानिकी महाविद्यालय के वन उत्पाद एवं उपयोग ने 21 मार्च, 2022 को विश्व कास्ट दिवस मनाया. बांदा कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, बांदा में मानव और ग्रह के लिए लकड़ी के सतत उपयोग पर एक दिवसीय आभासी संगोष्ठी का उद्घाटन किया गया, जहां दो संसाधन व्यक्ति श्री वोंग वी होंग एग्रीटिक्स वुड आइडेंटिफिकेशन ऐप डेवलपर के बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर और वुड टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एसोसिएशन इंडिया के अध्यक्ष श्री सुभाष जॉली ने अपना व्याख्यान दिया.
कार्यक्रम का शुभारंभ वन उत्पाद एवं उपयोगिता विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. योगेश सुमथाने द्वारा आयोजित फोटो प्रतियोगिता के साथ किया गया. उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों से प्राप्त विभिन्न कास्ट के उत्पादों के मूल्य वर्धित उत्पादों की तस्वीरें प्रदर्शित की. डीन कॉलेज ऑफ फॉरेस्ट्री ने रिसोर्स पर्सन का स्वागत किया। श्री वोंग ने कास्ट के न्यायिक उपयोग में कास्ट की पहचान के महत्व पर चर्चा की और कहा कि जब तक हम एक कास्ट की पहचान नहीं कर सकते तब तक हम इसके उपयोग का फैसला नहीं कर सकते.
उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि लकड़ी की पहचान अब पूरी तरह से डिजिटल हो गई है और उनकी कंपनी ने एक सेकंड के भीतर कास्ट की पहचान करने के लिए एक मोबाइल ऐप विकसित किया है.
श्री सुभाष जॉली ने कहा कि हमारे देश में अब लकड़ी की कमी हो गई है, इसलिए हमें अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए ताकि वनों को सड़क के किनारे या कृषि वानिकी वृक्षों के रूप में लगाया जा सके.
उन्होंने यह भी जोर दिया कि वर्तमान परिदृश्य में उद्योग लकड़ी के कुशल और न्यायिक उपयोग के बारे में ज्यादा जागरूक नहीं हैं। इसलिए विशेष रूप से वानिकी और कास्ट प्रौद्योगिकी के अधिक से अधिक स्नातकों की आवश्यकता है.
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कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. मोहम्मद नासिर, सहायक प्रोफेसर, वन उत्पाद एवं उपयोग कॉलेज ऑफ फॉरेस्ट्री विभाग द्वारा दिया गया। बता दें कि इस कार्यक्रम का आयोजन और नियोजन सहायक प्रोफेसर डॉ. योगेश सुमथाने ने बखूबी पूरा किया.