Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 21 September, 2022 5:18 PM IST
Ban on export of rice

चावल निर्यातकों के लिए राहत भरी खबर है. दरअसल भारत सरकार ने टूटे चावल के निर्यात पर 8 सितंबर तक पाबंदी लगा दी थी. जिसके बाद एक आदेश जारी कर कहा गया कि “प्रतिबंध आदेश लागू होने से पहले जहाज पर टूटे चावल की लोडिंग शुरू हो गई है, जहां शिपिंग बिल दायर किया गया है और जहाजों को पहले ही बर्थ आ गया है और भारत में लंगर डाला गया है”. जिसके बाद टूटे चावलों के निर्यात पर 15 सितंबर तक अनुमति दे दी थी,  लेकिन अब सरकार ने टूटे चावल के निर्यात की अवधि बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी है.

चावल के निर्यात पर प्रतिबंध कब लगा

आपको बता दें कि 9 सितंबर को, भारत ने तत्काल प्रभाव से टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. दरअसल, बाजार में चावल की थोक कीमतों को काबू में रखने व घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने के लिए टूटे चावल के निर्यात पर बैन लगाया. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि अनुमान है कि पिछले साल की तुलना में इस साल खरीफ सीजन में धान की पैदावार 60 लाख टन से 70 लाख टन कम हो सकती है. इसका एक प्रमुख कारण समय से बारिश ना होना है. फिर इसका असर फसल की संभावनाओं के साथ-साथ आने वाले समय में कीमतों पर भी पड़ सकता है.

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने कहा कि  “टूटे चावल की कीमत जो लगभग 15-16 रुपये (प्रति किलो) थी, बढ़कर 22 रुपये हो गई और इसका कुल निर्यात 3 गुना बढ़ गया. नतीजतन, टूटे हुए चावल न तो पोल्ट्री फीड के लिए उपलब्ध थे और न ही इथेनॉल के निर्माण के लिए”  बता दें कि टूटे चावल का व्यापक रूप से पोल्ट्री क्षेत्र में चारे के रूप में उपयोग किया जाता है.

चावल बंदगाहों पर अटका

भारत सरकार के चावल के निर्यात पर बैन के बाद लगभग 10 टन चावल कई कार्गो में पिछले एक पखवाड़े से भारतीय बंदरगाहों पर फंसे हुए हैं. जिसके बाद सरकार ने इसके मद्देनजर चावल के  निर्यात पर 30 सितंबर कर पाबंदी हटा दी.

यह भी पढ़ें : Farmer Suicide Case: पुणे के किसान ने की खुदकुशी, पीएम मोदी को जन्मदिन की बधाई देने के बाद उठाया यह कदम, जानें इसके पीछे की बड़ी वजह

इस सीजन धान का रकबा कम

इस खरीफ सीजन में धान की खेती का रकबा पिछले सीजन की तुलना में लगभग 5-6 फीसदी कम है. आपको बता दें कि खरीफ की फसलें ज्यादातर मानसून-जून और जुलाई के दौरान बोई जाती है, जिसमें धान भी शामिल है. फिर फसल अक्टूबर और नवंबर तक पक जाती है जो कटने को तैयार होती है. बुवाई क्षेत्र में गिरावट का प्राथमिक कारण जून के महीने में मानसून की धीमी प्रगति है.

English Summary: Ban on export of rice lifted till September 30, many tons of rice stuck at port
Published on: 21 September 2022, 05:23 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now