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Updated on: 5 June, 2022 10:57 AM IST
15 जून से पहले धान की रोपाई करने वाले किसानों की फसल कर दी जाएगी नष्ट

पानी बहुत अनमोल है और इसका प्रयोग अत्यंत किफायत के साथ किया जाना चाहिए. दूसरे कार्यों के साथ-साथ खेती-बाड़ी जैसे कामों में भी यदि जल का उपयोग विवेकपूर्ण ढंग से किया जाए तो जल संकट को अधिक गंभीर होने से रोका जानसकता है.

गिरता भूजल स्तर आज चिंता का विषय है. भूजल बचाने के लिए हरियाणा सरकार लगातार नए-नए तरीके अपना रही है और इसी दिशा में हरियाणा सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है.

क्या है कृषि विभाग की घोषणा

कृषि विभाग ने घोषणा की है कि समय से पहले धान की रोपाई करने वाले किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हरियाणा सरकार ने धान की रोपाई 15 जून से पहले ना करने के आदेश जारी कर दिए हैं .

जुर्माने का भी है प्रावधान 

कृषि विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि जो किसान इन आदेशों का अनुपालन नहीं करेंगे, उनसे प्रति एकड़ 4000 रुपये का जुर्माना भी वसूल किया जाएगा.

कृषि विभाग ने आदेश जारी किया है कि ग्राम सचिव,पटवारी और कृषि विभाग की टीम 15 जून से पहले रोपी गई धान की फसल को तुरंत नष्ट करने की कार्रवाई करेगी. इसके साथ ही फसल को नष्ट करने का खर्चा भी संबंधित किसान से ही वसूला जाएगा. ऐसा 'हरियाणा प्रिजर्वेशन ऑफ़ सब्सॉइल वॉटर एक्ट 2009' के तहत किया जा रहा है.

कृषि विभाग ने स्पष्टीकरण दिया है कि समय से पहले धान की रोपाई एक अपराध की तरह है और यह साफ तौर पर जल संकट को बढ़ावा देने का प्रयास है.

कृषि विभाग द्वारा गठित समिति द्वारा समय-समय पर जाकर खेतों का निरीक्षण किया जाएगा . गिरते भूजल का स्तर सुधारने के लिए सरकार जिला प्रशासन के साथ मिलकर धान का रकबा घटाने की पूरी कोशिश कर रही है.

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विविधतापूर्ण खेती के लिए प्रोत्साहन के हैं प्रावधान

इसके साथ ही कृषि विभाग का यह भी कहना है कि धान की खेती को छोड़कर विविधता की दृष्टि से बाजरा, मक्का  या सब्जी उगाने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.

यह राशि 7000 रुपये की होगी. सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की अपील करते हुए किसानों से इन आदेशों की अनुपालना का अनुरोध किया है.

English Summary: Ban imposed on planting of paddy Fine imposed on those who do not obey
Published on: 05 June 2022, 11:01 AM IST

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