21वीं सदी में भारत तेजी से बदल रहा है हर क्षेत्र में डिजिटल क्रांति देखने को मिल रही है. कृषि क्षेत्र में भी डिजिटल क्रांति लाने के लिए लगातार कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में अब कई मोबाइल एप्लीकेशन को भी लॉन्च किया गया है, जिनसे जुड़कर किसानों को सही समय पर सही कृषि कार्य के लिए एडवायजरी मिल रही है. और कई एप्स तो मोबाइल पर ही मौसम से संबंधित अपडेट्स और कृषि विशेषज्ञों की खास सलाह भी देते हैं.
इस बीच मध्यप्रदेश के किसानों के लिए सरकार ने एक इसी तरह का मोबाइल एप्लीकेशन 'बलराम' लॉन्च किया है. ये टू वे कम्यूनिकेशन फीचर्स वाला एप्लीकेशन मध्य प्रदेश के 10 जिलों में लॉन्च किया जा चुका है इस ऐप से किसानों को कृषि सलाह और विशेषज्ञों से संपर्क करने की सुविधा दी जा रही है.
बलराम एप में हैं ये फीचर्स
फीचर्स की बात करें तो मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इंडो जर्मन तकनीक के कंबाइन प्रोजेक्ट के तहत लॉन्च बलराम एप्लीकेशन के किर्यान्वयन की जिम्मेदारी जवाहर लाल नेहरू कृषि यूनिवर्सिटी को दी गई है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि बलराम एप्लीकेशन को मिट्टी की सेहत को बरकरार रखने और कृषि कार्यों में आ रहीं समस्याओं के समाधान के लिए लॉन्च किया गया है. राज्य में पहली बार किसान अपने फोन के माध्यम से ही खेती से जुड़ी एडवायजरी ले सकेंगे और समस्याओं के समाधान के लिए सीधे कृषि विशेषज्ञों से भी बात कर सकेंगे. इस एप्लीकेशन में किसानों की सुविधा के लिए अंग्रेजी और हिंदी दो ही भाषाओं का विकल्प दिया गया है. किसान दोनों में ही भाषा में सवाल पूछकर जानकारी हासिल कर सकते हैं.
शुरुआत में 10 जिलों में लॉन्चिंग
सरकार ने पहले चरण में मध्य प्रदेश के 10 जिलों में बलराम एप्लीकेशन को लॉन्च किया है. फिलहाल खरीफ सीजन के लिए बालाघाट, मंडला, सिंगरौली, रीवा, कटनी, छतरपुर, जबलपुर, सागर, शहडोल और दमोह को शामिल किया है. इस एप्लीकेशन से किसानों को राज्य, जिला, विकासखंड के अलावा ब्लॉक स्तर की कृषि संबंधी जानकारियां दी जाएंगी. पहले चरण में बलराम एप्लीकेशन से करीब 25 हजार किसानों को जोड़ा जा रहा है इस ऐप के बेहतर संचालन के लिए सरकार पूरी कोशिश कर रही है.
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ऐप में होगी हर तरह की जानकारी
परियोजना प्रभारी और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनय रावत ने बताया ऐप में कृषि संबंधी हर तरह की जानकारी प्रदेशस्तर, जिलास्तर, विकासखंड और ब्लॉकस्तर पर मौजूद रहेगी. पहले फेस में 25 हजार किसानों को जोड़ा जाएगा. इसके लिए जबलपुर में आत्मा, कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों को तकनीकी रूप से तैयार कर मास्टर ट्रेनर बनाया जा रहा है. इसमें विवि के डॉ. डीके पहलवान, डॉ. टीआर शर्मा, डॉ. यतिराज खरे का भी विशेष सहयोग है.