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Updated on: 4 February, 2022 12:06 AM IST
दुधारू पशुओं में गर्भपात के लिए बचाव

डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming) का बिजनेस मुख्यतौर पर पशु के प्रजनन (Reproduction) पर निर्भर करता है,  क्योंकि प्रजनन सही है, तो पशु गर्भ धारण अच्छे से होगा. गर्भ धारण अच्छे से होने से बच्चा स्वस्थ्य होगा, फिर पशुओं में दुग्ध उत्पादन भी अच्छे से होगा.

इसलिए दुधारू पशु का समय पर गर्भधारण करना एवं उस गर्भ को पूरे गर्भकाल तक ले जाकर सही तरीके से बच्चा देने तक डेयरी बिजनेस की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है. पशुओँ में गर्भपात होना डेयरी बिजनेस  के लिए एक घाटे का सौदा साबित होता है, इसलिए पशुओं का गर्भाधान के दौरान विशेष ध्यान रखना होता है, तो आइये बताते हैं कि पशुओं में गर्भपात को रोकने के लिए किन बातों का ध्यान रखना होगा.

गर्भपात से बचाव के उपाय (ways to prevent miscarriage)

  • पशुओं के रहने का स्थान साफ एवं हवादार होना चाहिए. सूर्य की रोशनी पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिए.

  • यदि किसी पशु में गर्भपात होने की संभावना दिखाई दे, तो उसे तुरंत अलग स्थान पर रखना चाहिए.

  • बच्चा जनने वाले पशु को भी, ब्याने से 1 सप्ताह पहले से ही पृथक स्थान पर रखना चाहिए.

  • गर्भपात होने के बाद मरे हुए बच्चे को दूर स्थान पर गड्ढा खोदकर गाड़ देना चाहिए. वहीं, योनि स्राव तथा जेर की झिल्ली आदि को सावधानीपूर्वक साफ करना चाहिए.

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  • दूषित जगह को बार-बार साफ करना चाहिए, साथ ही जीवाणु नाशक दवा का प्रयोग करना चाहिए.

  • सामान्य प्रसव के उपरांत पशु को 60 दिनों का लैंगिक विश्राम दिया जाना चाहिए.

  • गर्भपात की समस्या होने के बाद कुछ समय तक पशु का गर्भाधान नहीं करना चाहिए.

  • किसी भी बाहरी पशुओं में प्रवेश नहीं होना चाहिए.

  • पशुओं को पोष्टिक एवं संतुलित आहार देना चाहिए.

  • पशुओं को गर्भकाल के दौरान कोई भी औषधि देने अथवा टीकाकरण से पहले पशु चिकित्सक से अवश्य सलाह लें. कभी-कभी किसी अन्य बीमारी के लिए दी जाने वाली औषधि भी गर्भपात का कारण बन सकती है.

English Summary: avoid the problem of abortion in milch animals in this way
Published on: 04 February 2022, 01:43 PM IST

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