जहां एक तरफ मुर्गी पालन से पशुपालकों और किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ मुर्गियों से बीमारी फैलने का खतरा भी मंडराता नजर आ रहा है. हाल ही में एक जानकारी मिली है कि मुर्गियों से एक वायरस फ़ैल रहा है, जिसे एवियन फ्लू के नाम से जाना जा रहा है. इस वाईरस में 8 स्ट्रेन हैं.
आपको बता दें पिछले दिसंबर में, दक्षिणी रूस में अस्त्रखान शहर के पास एक विशाल खेत में अचानक से 101,000 मुर्गियां गिरकर मरने लगीं. इस पर राज्य अनुसंधान केंद्र (State Research Center) द्वारा परीक्षण किए गए. इसमें पता चला है कि यह मुर्गियों से फैलने वाला एक न्यू स्ट्रेन है, जिसे H5N8 के रूप में जाना जाता है. यह काफी घातक एवियन फ्लू है. इस महामारी को रोकने के लिए 900,000 मुर्गियों को मार दिया गया था.
मुर्गियों से फ़ैल रहा H5N8 स्ट्रेन (H5N8 Strain Spread By Chickens)
कोरोना महामारी के बाद एवियन फ्लू दुनिया में फैलने वाली एक तरह की महामारी है और H5N8 सिर्फ उसका एक स्ट्रेन है. ये स्ट्रेन इतना खरनाक है कि इससे देश के कई हिस्सों में हजारों मुर्गियों, बत्तख और दूसरे पक्षियों की मौत हो रही है.
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फिलहाल रूस के अस्त्रखान की घटना सामने आई है कि जब मुर्गियों को मारने के बाद खेतों/फार्म में काम करने वाले 150 श्रमिकों का चेकअप कराया गया, तो उनमें पांच महिलाओं और दो पुरुषों में यह बीमारी पाई गई. इससे साबित हुआ कि यह H5N8 स्ट्रेन (H5N8 strain ) पक्षियों से मनुष्यों में भी फैल रहा है.
इस स्ट्रेन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO ) काफी सतर्क हो गया है. वैज्ञानिकों का कहना है कि जल्द ही इसे रोकने के लिए वैक्सीन पर काम करना होगा. इसके अलावा H5N6 नाम का न्यू स्ट्रेन साल 2014 में पहली बार आई, जिसमें लगभग 48 लोगों संक्रमित पाए गये थे.
बताया जा रहा है कि मौजूदा वक्त में संक्रमित लोगों में से ज्यादातर की मौत हो चुकी है. इससे साफ पता चलता है कि H5N6 स्ट्रेन रफ्तार पकड़ रही है. इसके साथ ही यह स्ट्रेन परिवर्तनशील (म्यूटेशन) और बेहद खतरनाक भी है.