पंजाब किसानों के लिए गुलाबी सुंडी एक बड़ी परेशानी बनकर सामने खड़ी है. पिछले साल भी किसानों को गुलाबी सुंडी कीट का प्रकोप झेलना पड़ा था. जिससे किसानों की फसल को बेहद नुकसान हुआ था. फलस्वरूप उन्हें कम पैदावार प्राप्त हुई थी.
आपको बता दें कि इस बार नरमा जोत रहे किसानों के लिए गुलाबी सुंडी की समस्या से फसल प्रभावित है. अपनी इस परेशानी का हल निकालने के लिए किसान भाई पंजाब सरकार के पास गए. लेकिन किसानों का कहना है कि सरकार के पास खेतीबाड़ी में यूनि का वाईस चांसलर लगाने तक का समय नहीं है. इस मुश्किल समय में सरकार कैसे उनकी मदद करेगी.
यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर लगाए
राज्य के किसान भाइयों की परेशानियों को देखते हुए किसान नेता रण सिंह चठ्ठा ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से अपील की है कि किसानों की भलाई के लिए खेती बाड़ी में जल्दी से जल्दी वाइस चांसलर लगाए. ताकि किसान की फसल को गुलाबी सुंडी के प्रकोप से बचाया जा सके. इसके अलावा चट्ठा ने सरकार से यह भी कहा है कि गुलाबी सुंडी के प्रकोप (pink bollworm outbreak) के चलते पिछले साल भी फसल को बहुत नुकसान पहुंचा था. जिससे नरम की फसल (Cotton crop) ने किसानों की कमर तोड़ दी थी. इस बार भी हालात राज्य में पिछले साल के जैसे बनते जा रहे हैं. इसलिए सरकार जल्द से इसपर कोई फैसला लें. ताकि किसानों की फसल को बर्बाद होने से बचाया जा सके. अन्यथा किसानों को पिछली बार की तरह इस बार भी अपनी फसल को बेसहारा छोड़ना पड़ेगा.
किसानों की मदद के लिए डॉक्टरों की टीम (team of doctors to help farmers)
किसान नेता रण सिंह चट्ठा ने किसानों की भलाई के लिए पंजाब सरकार से खेती में माहिर डॉक्टरों (doctors specializing in agriculture ) की टीम को भेजने के लिए कहा ताकि वह खेत की अच्छे से जांच कर किसानों को बढ़िया मुफ्त कीटनाशक दवाइयों (free insecticides) के बारे में बता सके. इसके अलावा चठ्ठा ने यह भी कहा कि गेहूं के कम निकले झाड़ ने किसानों के कर्ज को अधिक कर दिया था.
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अगर इस बार भी किसानों की नरमे की फसल बर्बाद हो गई तो उन्हें कर्ज से निकालना बेहद मुश्किल हो जाएगा. इसलिए पंजाब सरकार को जल्दी से जल्दी उनकी मदद के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए. ताकि मुरझाए किसानों के चेहरों पर रौनक देखने को मिल सके.