Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 22 April, 2019 5:30 PM IST

यह सुनने में थोड़ा आपको आश्चर्य लगेगा लेकिन यह सच बात है कि अब बंजर भूमि पर सेब की विशेष प्रजाति को पैदा किया जाएगा. दरअसल उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से आने वाला अन्ना प्रजाति का हरा सेब अब गोरखपुर की बंजर पड़ी भूमि में पैदा होगा. दरअसल गोरखपुर के रहने वाले प्रगतिशील किसान अवनीश कुमार इसके लिए तैयारी कर रहे है. अवनीश की पौधशला में तीन साल पहले सेब के पेड़ को लगाया गया था जिस पर अब पहली बार फल लग रहे है. इसीलिए अवनीश को उम्मीद है कि इस बार भले ही 15 से 20 किलों सेब न बच पाए हो, लेकिन प्रयोग सफल हुआ तो आने वाले दिनों में इस क्षेत्र की बंजर भूमि पर सेब के पूरे भरपूर बगीचे नजर आएंगे.

किसानों को किया प्रेरित

दरअसल अवनीश इससे पहले पुलिस में नौकरी करते थे लेकिन खेती-किसानी में पूरी तरह से रम चुके प्रगतिशील किसान अवनीश कुमार एक बाजार में रहते है. उन्होंने उत्तर प्रदेश के कई किसानों को औषधीय फसलों के लिए पूरी तरह से प्रेरित किया है और अपनी जीवन शैली को बदलने वाले अवनीश ने पूर्वाचल में सेब की नई किस्म को उगाने का बीड़ा उठाया है. उन्होंने अपनी नर्सरी में अन्ना प्रजाति के हरे सेब लगाने के साथ ही उन्होंने एक पौधशाला को भी तैयार किया है. आज से ठीक तीन साल पहले लगाए गए पेड़ पर इस बार न केवल फूल और फली उगी है बल्कि काफी अच्छी मात्रा मे फल प्राप्त हुए है.

अवनीश ने दी जानकारी 

किसान अवनीश बताते है कि तीन साल पहले वह उत्तराखंड से सेब का पौधा लेकर आए थे. उनका मानना था कि अगर वहां की पथरीली जमीन पर सेब के पौधे आसनी से फल दे सकते है तो गोरखपुर समेत पूर्वाचल यूपी के कई इलाकों में बंजर पड़ी सैकड़ों एकड़ जमीन पर सेब के पौधे लहलहा सकते है. इसीलिए सबसे पहले उन्होंने अपनी पौधशाला में सेब का पेड़ लगाया जो इस बार भी आसानी से फल देने को तैयार है. अविनाश कहते है कि यहां पर सेब की अच्छी पैदावार होने लगे तो फिर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से सेब को मांगाने की जरूरत नहीं होगी. इससे आम लोगों को सबसे स्वादिष्ट और अच्छे फल तो मिलेंगे ही साथ ही साथ बेकार पड़ी भूमि पर भी सेब की बेहतर फसल होगी. इतना ही नहीं है अगर पॉली हाउस के जरिए तापमान को नियंत्रित करने का ठीक तरह से इंतजाम कर लिया जाए तो अन्ना प्रजाति का यह सेब हिमाचल प्रदेश के सेब से भी अधिक लाल हो सकता है.

अवनीश ने उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में किसानों को तुलसी, केवाच जैसी औषधीय खेती के लिए प्रोत्साहित करने के साथ उनकी फसल जीवनशैली बदलने वाले अविनाश ने अगले साल गोरखपुर के पिपराइच और बंजर जमीन पर लगाने के लिए किसानों से पूरी तरह से संपर्क शुरू कर दिया है.

English Summary: apple garden is completely successful on the waste land
Published on: 22 April 2019, 05:36 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now