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Updated on: 16 February, 2021 9:16 AM IST
Home Minister Amit Shah

हिंदुस्तान की सियासत में उस वक्त किसानों का किरदार अहम हो जाता है, जब देश में चुनाव आते हैं. उस वक्त किसानों से सियासी नुमाइंदों का मिलना-जुलना अपने चरम पर पहुंच जाता है, जब देश में चुनाव आते हैं, ऐसा क्यों होता है, ये तो फिलहाल हमें बताने की दरकार नहीं है. सब जानते हैं कि भारत के किसान शुरू से ही भारतीय राजनीति की दिशा तय करते हुए आए हैं. हम यह इसलिए कह रहे हैं, चूंकि अभी बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान भी कुछ ऐसा ही हो रहा है.

गौरतलब है कि आगामी कुछ माह में बंगाल में चुनाव होने वाला है. बात करें, बंगाल के सियासत की तो अभी वहां सियासी पारा अपने चरम पर है. आलम यह है कि कल तक वीरान  रहने वाली गलियां अब सियासी नुमाइंदों की आमद से गुलजार हो रही हैं. बड़े-बड़े सियासी सूरमा सूबे की जनता जानार्दन को रिझाने के लिए बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं. एक ऐसा ही दांव केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी रैली के दौरान मतदाताओं को रिझाने के लिए चला है. दरअसल उन्होंने अपने चुनावी रैली के दौरान कहा कि अगर हमारी सरकार बंगाल में फतह पाने में  सफल रही, तो प्रदेश के किसानों को 'किसान सम्मान निधि योजना' का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा. बता दें कि मौजूदा वक़्त में प्रदेश में सियासी रार के चलते किसानों को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते बंगाल के किसान केंद्र सरकार की इस योजना से वंचित हो रहे हैं.

हालांकि, कई मौकों पर केंद्र सरकार ममता सरकार पर इस मसले को लेकर हमलावर रही हैं, लेकिन अब ऐसे मौके पर जब प्रदेश में कुछ माह बाद विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने जा रहा है, तो फिर अमित शाह ने यह उक्त ऐलान करके बड़ा दांव चल दिया है. खैर, अब शाह का यह दांव कहां तक सफल हो पाता है, यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इससे पहले हम आपको बताते चले कि  आखिर यह किसान 'सम्मान निधि योजना' क्या है, और इसका किसानों से कैसे और क्यों हैं, सरोकार? 

'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' क्या है?  

बता दें, कि केंद्र सरकार ने देश के छोटे एवं सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से संबल प्रदान  करने के लिए 'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' की शुरूआत वर्ष 2018 में की थी. इस योजना के तहत उन सभी किसानों को प्रतिवर्ष 6000 रूपए दिए जाते हैं, जिनके  पास दो हेक्टेयर से कम भूमि है. 6000 रूपए की यह राशि दो- दो हजार रुपए तीन किस्तों में किसानों के खाते में भेजी जाती है. विदित हो कि जब यह योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई थी, उस वक्त विपक्षी दलों के कई सियासी नुमाइंदों ने सरकार की इस योजना की आलोचना की थी, जिसके चलते कई गैर-बीजेपी शासित दलों के राज्यों ने इस योजना को अपने प्रदेश में लागू करने से साफ इनकार कर दिया था, उसमें बंगाल भी शामिल है, लेकिन अब जब प्रदेश में कुछ माह बाद चुनाव होने जा रहे हैं, तो अमित शाह ने यह कहकर प्रदेशवासियों को रिझाने का काम किया है कि अगर प्रदेश में हमारी सरकार बनती है, तो सभी किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिलेगा.  

गौरतलब है कि अब तक बंगाल के किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिला है, जिसके चलते वहां के किसानों को आर्थिक रूप से बहुत नुकसान हुआ है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक, बंगाल के 70 लाख किसानों को 9,660 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है. हालांकि, राज्य के कई किसानों ने केंद्र सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन सत्यापन का काम राज्य सरकार का होता है, जिसके चलते राज्य के लाखों किसान केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ उठाने से वंचित रह गए.

वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए साफ कह दिया है कि अगर प्रदेश में हमारी सरकार बनती है, तो विगत दो वर्ष की बकाया राशि 6 हजार के साथ-साथ 2 हजार रूपए की अतरिक्त राशि भी प्रदान की जाएगी.

English Summary: amit shah said bangal farmer will also benefited by kisan samman nidhi yojana
Published on: 16 February 2021, 09:21 AM IST

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