भारत की आधी से अधिक अवादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है. यहाँ के रहने वालों की आजीविका ज्यादातर कृषि व्यवसायों पर ही निर्भर है. खेती-बाड़ी के साथ–साथ पशुपालन का व्यवसाय भी उनके लिए एक अच्छी आय का श्रोत है.
पशुपालन व्यवसाय को सुलभ और सफल बनाने के लिए कई राज्य सरकारों ने विभिन्न तरह की योजनाओं को संचालित कर रही है. जिसमें पशुओं के टीकाकरण से लेकर उनके इलाज की अच्छी व्यवस्था बनाने के लिए पशु चिकित्शालयों की स्थापना भी की जा रही है.
इसी बीच पशुपालकों के लिए एक अच्छी खबर है, हाल ही में एमपी सरकार ने पशुओं के इलाज हेतु सड़कों पर एम्बुलैंस दौड़ाने का फैसला लिया है. जी हाँ अब राज्य में पशु चिकित्सालयों एवं औषधालयों की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण योजना के तहत देश में चलित पशु चिकित्सा इकाई की स्थापना की जा रही है.
मिली ताज़ा जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश राज्य में अब पशुओं के इलाज के लिए 24 घन्टे एम्बुलेंस सड़कों पर चालू रहेगी. जिसमें इलाज के लिए अच्छे उपकरण और मेडिकल स्टाफ शामिल रहेंगे. यह एम्बुलेंस घर पहुंचकर पशुओं का इलाज करेगा. राज्य के पशुपालन विभाग की तरफ से यह बताया गया है कि प्रति एक लाख पशुधन पर एक चालित पशु चिकत्सा इकाई शुरू की जाएगी.
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मौजूदा वक्त में मध्य प्रदेश में 4.06 करोड़ पशुधन है. जिसमें इन पशु चिकत्सा इकाई के लिए सरकार की तरफ से विभाग को करीब 64.96 करोड़ रूपए दिए गये हैं. सरकार ने पशुधन चिकित्सा इकाई को केन्द्रीय पशु चिकित्सालयों एवं औषधालयों की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण योजना में भी शामिल किया गया है.
बता दें पशुपालकों के लिए पशुओं के इलाज की अच्छी व्यवस्था ना होने की वजह से उन्हें अपने व्यवसाय में बहुत नुकसान झेलना पड़ता है. ऐसे में इनकी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए राज्य सरकार ने पशुओं के लिए सड़क पर एम्बुलैंस दौड़ाने का फैसला लिया है.
पशुओं के इलाज के लिए होंगे आधुनिक उपकरण (There Will Be Modern Equipment For The Treatment Of Animals)
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इस एम्बुलेंसे में आधुनिक उपकरणों और स्टाफ की अच्छी व्यवस्था रहेगी.
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इसमें एक पशु चिकित्सक, एक पैरावेट और एक वाहन चालक सह-सहायक रहेगा.
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इसके साथ ही वाहन में पशु चिकित्सा, लघु शल्य चिकित्सा, कृत्रिम गर्भाधान, रोग अन्वेषण से संबंधित आवश्यक उपकरण स्थापित रहेंगे.
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प्रचार-प्रसार के लिये प्रोजेक्टर, स्पीकर आदि भी लगाया जाएगा.