उत्तराखंड के किसानों के लिए कृषि-मौसम संबंधी एडवाइजरी मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून और AMFU Pantnagar और Roorkee के सहयोग से जारी किया गया है. यह एडवाइजरी अलगे 2 दिन यानी की 3 जुलाई तक वैध रहेगा. इसमें किसानों के लिए क्या जरूरी सलाह दी गई है आइये जानते हैं...
उत्तराखंड के किसानों के लिए एडवाइजरी (Advisory for farmers of hilly region of Uttarakhand)
सलाह -
आने वाले दिनों में बारिश को ध्यान में रखते हुए, उचित जल निकासी बनाए रखें
अतिरिक्त बारिश के पानी को निकालने के लिए खेत में से परिपक्व फलों की कटाई करें.
सब्जी के सभी पत्तों से खाने वाले कीट को मैन्युअल रूप से एकत्र कर नष्ट कर दें.
हल्की से मध्यम बारिश की संभावना को देखते हुए किसानों को खड़ी फसलों में कीटनाशकों के छिड़काव से बचने की सलाह दी जाती है.
धान के पौधे की रोपाई जारी रखें. 3-5 सेमी जल स्तर बनाए रखें. धान के खेतों में रोपाई के बाद खरपतवार की वृद्धि कम हो जाती है.
धान की नर्सरी
धान की नर्सरी के लिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे बुवाई के लिए खेत की तैयारी कर लें.
मक्का
किसानों को सलाह दी जाती है कि वे खेत तैयार करें और मक्के की फसल की बुवाई करें. इस दौरान उचित जल निकासी करें.
गन्ना
यदि आवश्यक हो तो फसल की सिंचाई करें. गन्ने की फसल में इंटरकल्चरल ऑपरेशंस (intercultural operations) करें.
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अदरक
प्रकंद सड़न को कम करने के लिए रोपण के 60 दिन बाद स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस और ट्राइकोडर्मा हर्जियानम अप्लाई करें. पानी के ठहराव से बचें.
फ़्रांसीसी सेम
पानी के ठहराव से बचने के लिए खेत में उचित जल निकासी बनाए रखें.
पशुपालको के लिए जरूरी सलाह
पोल्ट्री फार्म- शेड के पास पानी के ठहराव से बचें.
मवेशी- घरेलू मक्खियों के संक्रमण से बचने के लिए शेड के आसपास के क्षेत्र को साफ करें. मोल्ड और कवक से बचाने के लिए पशुओं के चारे को उचित सूखी जगहों पर रखें.