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Updated on: 11 February, 2024 6:20 PM IST
गांधी मैदान, पटना में एग्रो बिहार का किया गया समापन

कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल द्वारा आज गांधी मैदान, पटना में कृषि विभाग, बिहार एवं सी॰आई॰आई॰ के सहयोग से आयोजित 08 से 11 फरवरी तक चार दिवसीय राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला (एग्रो बिहार, 2024) का समापन किया गया. आज पटना उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद ने इस मेला का भ्रमण किया. सचिव, कृषि ने मोमेंटो देकर उनका स्वागत किया.

अक्टूबर माह में आयोजित किया जायेगा राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला

सचिव, कृषि ने कहा कि अगले वर्ष से अक्टूबर माह में राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला का आयोजन किया जायेगा. राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला के उपरान्त जिला स्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला का आयोजन किया जायेगा. अधिक-से-अधिक किसानों को मेला के माध्यम से ही सरकार की योजना का लाभ उपलब्ध कराया जायेगा. राज्यस्तरीय मेला की तिथि की सूचना देश के यंत्र निर्माता कंपनियों को मई माह के अंत तक उपलब्ध करा दी जाएगी, ताकि ज्यादा-से-ज्यादा यंत्र निर्माता अपने यंत्रों के साथ भाग ले सके. अक्टूबर माह में राज्यस्तरीय यांत्रिकरण मेला कराने के लिए उपयुक्त समय होगा, क्योंकि उस समय किसान छठ पूजा के बाद सामान्यतः धान की कटनी करते है तथा गेहूँ के लिए खेत की तैयारी करते है.

कृषि यंत्रों की बिक्री पर 5.39 करोड़ रूपये का अनुदान

इस वर्ष इस मेला में राज्य के किसानों ने बड़ी संख्या में कृषि यंत्रों की खरीदारी कर सरकार की महत्वकांक्षी योजना का लाभ उठाया. आज इस मेला में 283 कृषि यंत्रों एवं 10 कृषि यंत्र बैंकों के लिए सरकार द्वारा 108.60 लाख रुपये का अनुदान दिया गया. इन कृषि यंत्रों का बाजार मूल्य लगभग 3.02 करोड़ रूपये है. इस प्रकार 04 दिनों में कुल 744 कृषि यंत्रों का क्रय एवं 41 कृषि यंत्र बैंकों के लिए कुल 5.39 करोड़ रूपये से अधिक का अनुदान दिया गया.

प्रतीकात्मक स्वरूप चाबी भेट की गई

सचिव कृषि द्वारा भागलपुर और सुपौल के कृषक समूहों को कृषि यंत्र बैक, मधेपुरा, सहरसा, समस्तीपुर और के किसानों को कस्टम हायरिंग सेन्टर तथा सहरसा के दो किसानों को व्यक्तिगत श्रेणी में ट्रैक्टर के अनुदानित दर पर क्रय करने पर प्रतीकात्मक स्वरूप चाबी भेट की.

मेला में फसल अवशेष संबंधी यंत्रों पर विशेष फोकस

सरकार द्वारा किसानों को फसल अवशेष जलाने के बदले उनका खेतों में ही प्रबंधन कर खाद के रूप में उपयोग करने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई नवीनत्तम कृषि यंत्रों यथा 9 से 11 टाईन का हैप्पी सीडर, बिना रैक का स्ट्रॉ बेलर, स्ट्रॉ रीपर, सुपर सीडर, रोटरी मल्चर, स्लैसर एवं स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम पर सामान्य वर्ग के किसान के लिए 75 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों के लिए 80 प्रतिशत अनुदान और स्वचालित/टैªक्टर चालित रीपर-कम-बाईंडर पर 50 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गई. राज्यस्तर के इस कृषि यंत्र प्रदर्शनी-सह-किसान मेला में फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित यंत्र जैसे स्ट्रॉ रीपर, रीपर-कम- बाईंडर, सुपर सीडर आदि की भी बिक्री बड़ी संख्या में हुई है, इससे पता चलता है कि राज्य के किसान मृदा एवं पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूक है. मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में फसल अवशेष जलने की घटना में कमी आयेगी. इस कार्यक्रम में विभाग के सभी मुख्यालय एवं क्षेत्रीय पदाधिकारियों/कर्मचारियों का सहयोग काफी अच्छा रहा.

मेला में एक ही स्थान पर आधुनिक कृषि यंत्रों के निर्माता-विक्रेता एवं किसान का सीधा संवाद

अग्रवाल ने कहा कि वर्ष 2011 से एग्रो बिहार राज्यस्तरीय यांत्रिकरण मेला का आयोजन कोरोना वर्ष को छोड़कर प्रत्येक वर्ष पटना में किया जाता रहा है. इस मेले की विशेषता यह है कि यहाँ एक ही स्थान पर आधुनिक कृषि यंत्रों के निर्माता-विक्रेता एवं किसान का सीधा संवाद होता है तथा विभिन्न प्रकार के आधुनिक कृषि यंत्र भी मेला में उपलब्ध रहता है. कृषि विभाग की इस पहल से राज्य के किसानों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आधुनिक कृषि यंत्रों के बारे में जानकारी लेने एवं उन्हें खरीदने का मौका मिलता है. साथ ही, मेला परिसर में संचालित किसान पाठशाला में प्रतिभागी किसानों को विभागीय पदाधिकारियों एवं कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विभाग में संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी तथा कृषि विश्वविद्यालयों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पटना के वैज्ञानिकों द्वारा जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में फसल उत्पादन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई.

मेला में 75 हजार से अधिक किसानों एवं आमजनों ने किया भ्रमण

आज इस मेला में पटना, दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी, मधेपुरा, सुपौल, सहरसा तथा भागलपुर जिले के 3620 किसानों ने भाग लिया. आज तक इस प्रदर्शनी-सह-मेला में राज्य के 75 हजार से अधिक किसान/आगन्तुक आये. इस मेले में किसी तरह का प्रवेश शुल्क नहीं है. कोई भी किसान/व्यक्ति स्वेच्छा से इस प्रदर्शनी/मेला में भाग ले सकते हैं.

इस समारोह में सभी कृषि यंत्र निर्माता कंपनियों को प्रमाण-पत्र एवं मोमेंट प्रदान किया गया. इस अवसर पर कृषि निदेशक डॉ. आलोक रंजन घोष, निदेशक, उद्यान अभिषेक कुमार, अपर सचिव शैलेन्द्र कुमार, निदेशक, बामेती आभान्शु सी॰ जैन, अपर निदेशक, कृषि अभियंत्रण बालेश्वर सिंह सहित कृषि विभाग एवं सी॰आई॰आई॰ के अन्य पदाधिकारी तथा कर्मचारीगण, कृषि यंत्र निर्माता/विक्रेता सहित बड़ी संख्या में किसान भाई-बहन उपस्थित थे.

English Summary: Agro Bihar concludes at Gandhi Maidan Patna Grant of Rs 5 crore on sale of agricultural equipment krishi yantrikaran mela agricultural machinery
Published on: 11 February 2024, 06:24 PM IST

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