आज हयात रीजेंसी, नई दिल्ली में किसानों को "आत्मनिर्भर भारत के लिए कृषि का सतत विकास" के बारे में जागरूक करने के लिए फसल जीवन भारत राष्ट्रीय सम्मेलन का आय़ोजन किया गया है. जिसमें कई बड़े नेताओं सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया. सभी ने इस सम्मेलन में अपने-अपने विचार व्यक्त किए. जिससे देश का किसान आत्मनिर्भर भारत की तरफ तेजी से बढ़ सके.
इस सम्मेलन की शुरुआत में CropLife India & Vice President Sumitomo Chemical India Ltd के अनिल कक्कड़ वाइस चेयरमैन ने कहा कि कृषि क्षेत्र में स्थिरता के लिए सभी का योगदान जरूरी है. फसल सुरक्षा उत्पादों ने देश को आपदा से निपटने में मददगार बनाया है.
फसल सुरक्षा उत्पाद बनाने वाले उद्योगों को प्रोत्साहित
आपको बता दें कि फसल उत्पादों में नए अनुसंधान के लिये 300 मिलियन डॉलर के औसत निवेश की आवश्यकता होती है. किसानों को कीटों, खरपतवारों से लड़ने के लिए अधिक रेंज वाले उत्पाद देना जरूरी है. इसके लिए फसल सुरक्षा उत्पाद बनाने वाले उद्योगों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है. इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग और लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत जरूरी है, ताकि उद्योगों को मदद मिल सके.
Crystal Crop Protection Limited के चैयरमैन नंद किशोर अग्रवाल ने अमृतकाल में फसल सुरक्षा की भूमिका विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि आज़ादी के 75 वर्ष के बाद अमृतकाल मना रहे है. उसी संदर्भ में फसल सुरक्षा उद्योगों के लिए आज का कार्यक्रम आयोजित है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत बनाना है. विदेशों में निर्यात करने की क्षमता बढ़ाना है और साथ ही सरकार और उद्योगों का समन्वय होना बहुत जरूरी है. Crop protection में दुनिया में 1000 मॉलिक्यूल है. हमारे पास इतने मॉलिक्यूल नहीं है फसल सुरक्षा उत्पाद बनाने के लिए हमें भी अधिकतम मॉलिक्यूल उपलब्ध करवाए जाए. भारत में अभी वर्तमान में इस उद्योग के लिए नए 8 मॉलिक्यूल आईडेंटिफाइडहुए है.
इस सम्मेलन में कैलाश चौधरी ने कहा भारत की फसल सुरक्षा कम्पनीज (crop protection companies) अपने उत्पादों पर बार कोड लगाएं, जिनको स्कैन करके किसान ये पता कर सकें कि ये पेस्टिसाइड असली है या फर्जी.
रायत बीमा योजना किसानों के लिए फायदेमंद
तेलंगाना के कृषि मंत्री सिंगरेड्डी निरंजन रेड्डी ने मृदा संरक्षण की आवश्यकता के बारे में बताया कि किसानों के लिए भूमि सुधार आवश्यकता है. उन्होंने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश के राजा ने प्राचीनकाल में ऐसी सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था की थी, जिसमें 1 लाख 26 हजार टैक्स थे, जो इंटरकनेक्टेड थे. जो कि एक काकतिया योजना थी. अब ये टैंक तेलंगाना में है, इनमें से 46 हजार टैंक रिस्टोर किये हैं.
बता दें कि 30 लाख इलेक्ट्रिक पम्प तेलंगाना में किसानों को उपलब्ध करवाये गए हैं. रायथु बंधु योजना (Rytu Bandhu Scheme) किसानों के लिए हितकारी है. रायत बीमा योजना के अंतर्गत किसानों के लिए बीमा योजना उपलब्ध करवाई गई है. किसानों की किसी भी परिस्थिति में मृत्यु होने पर उसके नॉमिनी को पैसा दिया जाता है. रायतु बंधु कमेटी बनाई है, तेलंगाना में विश्व की भोजन संबंधित आवश्यकता की पूर्ति भारत ने की है. देश की अलग-अलग फसलों, दाल, फलों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए बीज उत्पादन कंपनियों को किसानों को बीज कम कीमत पर उपलब्ध करवाने चाहिये.
किसान कर्ज में पैदा होता है, कर्ज में जीता
मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि देश की आज़ादी के बाद कृषि की उपेक्षा की गई. कृषि पर आधारित उद्योगों को महत्व देने की आवश्यकता थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. भारत गांवों में बस्ता है. इंडिया शहरों में बस्ता है. प्रकृति ने सबसे ज्यादा कृपा भारत पर ही की है. सभी ऋतु किसानों के लिए बेहद लाभकारी है. यहां उपजाऊ मिट्टी, वन संपदा की कमी नहीं है. यहां विकास जो भी हुआ उसमें असंतुलन हो गया. मुट्ठी भर लोग अमीर और बाकी लोग गरीब रह गए. भारत में 6 लाख 50 हजार गांव हैं. 86% सीमांत और लघु किसान है. देश में लघु किसान कर्ज में पैदा होता है, कर्ज में जीता है, कर्ज ही आने वाली जनरेशन के लिए छोड़कर जाता है. इसलिये किसानों के कल्याण के लिए भारत सरकार और मप्र सरकार ने कई योजनाएं बनाई है. हमने समस्याओं को अवसर में बदलने का प्रयास किया. इक्कीसवीं सदी को भारत की सदी बनाना है. इसमें क्रॉप लाइफ इंडिया की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है.
उत्तर प्रदेश तीसरा आर्थिक रूप से मजबूत राज्य
यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इस सम्मेलन में कहा कि उद्यमों को उत्तर प्रदेश राज्य की ओर बढ़ाना चाहिए. 1 करोड़ 29 लाख की गेहूं की खरीददारी मध्यप्रदेश ने की जो अपने आप में रिकॉर्ड है. मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश दोनों बीमारू राज्य की श्रेणी में आते थे. अब उत्तर प्रदेश देश का तीसरा आर्थिक रूप से मजबूत राज्य है. बुंदेलखंड को आगे बढ़ाने के लिए सिंचाई सुविधा के लिए कई परियोजनाओं को चलाया है. 350 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों को हमारे राज्य में गन्ने का पेमेंट मिल रहा है.
कोविड में भी चीनी मिलों को बंद नहीं होने दिया. आलू, मटर, मशरूम,तरबूज, शहद में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है. उत्तर प्रदेश में सीड प्लांट बनाने की सुविधा देंगे और साथ ही इन्हें बायो उर्वरक बनाने वाली कंपनियों को प्रमोट करेगा.