Kisan Credit Card: किसानों को अब KCC से मिलेगा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें कैसे उठाएं लाभ? Farmers News: किसानों की फसल आगलगी से नष्ट होने पर मिलेगी प्रति हेक्टेयर 17,000 रुपये की आर्थिक सहायता! Loan Scheme: युवाओं को बिना ब्याज मिल रहा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 8 October, 2022 4:20 PM IST
नरसिंहपुर में किसान कर रहे हैं ऑर्गेनिक खेती

भारत में खेती- किसानी करने की परंपरा एक लंबे अरसे से चली आ रही है, लेकिन इसमें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का प्रयोग हरित क्रांति के दौरान शुरु हुआ और धीरे- धीरे पूरे देश में प्रचलित होता चला गया. जब इसका प्रयोग शुरु हुआ था तब किसानों को इसके दुष्प्रभावों के बारे में नहीं पता था.

लेकिन अब कीटनाशकों से किसानों की खेती की उर्वरक क्षमता सीमित हो रही है जिसके चलते देश के कई हिस्सों में सरकार के साथ मिलकर किसान जैविक खेती को अपना रहे हैं. इसी कड़ी में मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के किसान जैविक खेती को अपनाने के लिए कृषि विभाग के साथ आए हैं.

 ये भी पढ़ें:10 कीटनाशकों पर बैन, योगी सरकार के इस फैसले से किसानों पर क्या पड़ेगा असर?

दरअसल, नरसिंहपुर में कृषि विभाग के द्वारा किसानों को जैविक खेती की ओर आकर्षित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिसमें 2500 से ज्यादा किसानों ने पंजीकरण करवाया है. कृषि विभाग के द्वारा 4500 एकड़ हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

नरसिंहपुर की खेती की है ये खासियत

कृषि विभाग के अनुसार नरसिंहपुर की मिट्टी मध्यम काली मिट्टी है जोकि कि रबी की खेती के लिए सबसे बेहतर होती है. यहां गन्ने की खेती सबसे ज्यादा की जाती है.

जैविक खेती से किसानों को होगा ये फायदा

नरसिंहपुर के कृषि उप संचालक राजेश त्रिपाठी के अनुसार जैविक खाद का उपयोग करने से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है, उसकी जल धारण क्षमता बढ़ती है, मिट्टी से पानी का वाष्पीकरण भी कम होता है. 

आने वाले रबी सीजन में दिखेगा इस अभियान का असर

नरसिंहपुर के कृषि संचालक के अनुसार जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देने और किसानों के बीच में जैविक खादों के उपयोग को प्रचारित करने के लिए गांवों से लेकर जनपदों तक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर लगभग 4500 हेक्टेयर रकबे में जैविक खेती करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है, जिसके तहत 2500 से ज्यादा किसानों ने अभी तक पंजीयन करवाया है. मौजूदा समय में जिले में 70 से 75 किसान लगभग 500 एकड़ जमीन पर खेती कर रहे हैं. लेकिन आने वाले समय में यह आंकड़ा बढ़कर 5 हजार हेक्टेयर पर पहुंच सकता है.

English Summary: Agriculture department of madhya pradesh's district narsinghpur is taking a new initiatitve in organic farming
Published on: 08 October 2022, 04:27 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now