हम सभी के मन में कभी-कभी यह ख्याल आता है कि हमारी हाइट छोटी (Short Height) क्यों है? ऐसा जरूरी नहीं है कि दुनिया में सब ही छोटे हैं, लेकिन औसतन देखा जाये, तो कुछ देशों को छोड़कर लोगों की लंबाई एवरेज या छोटी होती है, लेकिन इसका जवाब कुछ शोधकर्ताओं ने निकाल लिया है.
दरअसल, इतिहास में पहली बार शोधकर्ताओं (Researchers) ने उन मनुष्यों से लिए गए प्राचीन डीएनए का विश्लेषण (Analysis of Ancient DNA) किया है, जो कृषि क्रांति (Agriculture Revolution) से पहले और बाद में जीवित थे. जिससे उन्हें यह पता लगाने में मदद मिली कि हमारे पूर्वजों के जीन (Ancestors Genes) कैसे बदल गए जिसकी वज़ह से उनकी हाइट छोटी (Short Height) रह जाती थी.
हाइलाइट्स (Highlights)
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नए शोध के अनुसार खेती ने हमारे पूर्वजों को छोटा बना दिया.
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शिकारी जीवन शैली से फसलों की ओर स्विच उनकी ऊंचाई से औसतन 1.5 इंच कम हो गया.
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कृषि को कम काम के लिए अधिक भोजन मिलता है, लेकिन शुरू में चारा खोदना नवपाषाण मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए खराब हो सकता है.
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यह खोज 167 प्रागैतिहासिक वयस्कों के अंगों की हड्डियों पर आधारित है जो मनुष्यों द्वारा अपनी फसल उगाने से पहले या बाद में रहते थे.
पूर्वजों की लंबाई छोटी क्यों रह गयी (Why did ancestors remain short in length)
यह लंबे समय से ज्ञात है कि खेती ने इंसानों को हमेशा के लिए बदल कर दिया है. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल (Harvard Medical School) के प्रमुख शोधकर्ता इयान मैथिसन और उनकी टीम ने नई निष्कर्षण तकनीकों (New Extraction Techniques) का उपयोग करते हुए प्राचीन मानव अवशेषों से डीएनए (DNA) लेने और 230 प्राचीन मनुष्यों का आनुवंशिक डेटाबेस (Genetic Database) बनाने में सक्षम हुए, जो 2,300 और 8,500 साल पहले पूरे यूरोप (Europe) में रहते थे.
पूर्वजों की लंबाई के शोध में क्या पता चला (What research revealed the length of ancestry)
अध्ययन से यह भी पता चला कि शुरुआती किसान गहरे रंग के थे. प्रमुख शोधकर्ता डेविड रीच ने कुछ मीडियकर्मियों को यह बताया कि ऐसा इसलिए हो सकता था, क्योंकि किसान शिकारी जानवरों की तुलना में कम मांस खाते थे, इसलिए उनके विटामिन डी (Vitamin D) का सेवन कम कर दिया गया था. सांवली त्वचा वाले लोगों को सूरज के संपर्क में आने से कम विटामिन डी मिल पाता था, जिससे उनकी हाइट छोटी रह जाती थी.
भविष्य का क्या है लक्ष्य (What is the goal of the future)
टीम अब और भी प्राचीन डीएनए का अध्ययन (DNA Analysis) करना चाहती है, ताकि इस बात का बेहतर अंदाजा लगाने की कोशिश की जा सके कि हमारे पूर्वजों ने पूरे ग्रह में कैसे प्रवास किया और इसको स्थापित किया.