Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 4 August, 2022 2:24 PM IST
Paddy

जैसा कि हम सब जानते ही हैं कि इस बार उत्तर भारत में बरसात बहुत कम हुई है और इसी वजह से धान की रोपाई भी कम हुई है. ऐसे में भारत में चावल का उत्पादन कम हो सकता है.

भारत है सबसे बड़ा चावल निर्यातक

गौरतलब है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है और चावल के लिए सारी दुनिया भारत की तरफ देखती है. ऐसे में यदि भारत में उत्पादन कम हुआ है तो स्वाभाविक ही है कि भारत निर्यात भी कम ही कर पाएगा और बढ़े हुए दाम परेशानी को बढ़ा देंगे .

दुनिया भर में होगा खाद्यान्न संकट

भारत आज भी विश्व भर की अर्थव्यवस्था पर अच्छा खासा प्रभाव डालने में सक्षम है. यह हमने गेहूं के मामले में देख लिया था जब भारत ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी, तो पूरी दुनिया में खाद्यान्न का संकट उभर कर सामने आया था. अब चावल का कम उत्पादन होने की स्थिति में भारत द्वारा किया जाने वाला कम निर्यात दुनिया भर में मुश्किलें पैदा कर देगा.

कम बरसात के कारण कम हुई धान की रोपाई

बढ़ती महंगाई और लगातार चल रहे खाद्यान्न संकट के बीच कम बारिश के कारण धान की फसल में 13 फ़ीसदी की कमी आई है. देश के कुल उत्पादन का लगभग 25% उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल में होता है और इस बार इन प्रदेशों में भी धान की रोपाई काफी कम की गई है.

ये भी पढ़ें:  अब जुड़वां बेटियों पर भी लागू होगी सुकन्या समृद्धि, नियमों में हुआ है बदलाव

अब और बढ़ेगी महंगाई

जानकार मानते हैं कि धान का कम उत्पादन होने से महंगाई तो बढ़ेगी ही, हो सकता है धान के निर्यात पर भी प्रतिबंध लग जाए, क्योंकि भारत पहले अपने देश के लोगों की जरूरत पूरी करना चाहेगा. आपको बता दें कि भारत दुनिया भर का 40 फ़ीसदी चावल निर्यात करता है यानी भारत में आई उत्पादन की कमी दुनिया भर में खाद्यान्न की समस्याएं उत्पन्न कर सकती है.

पड़ोसी देशों में मच गई है खलबली

पश्चिम बंगाल ओडिशा और छत्तीसगढ़ में हुई कम बरसात धान के उत्पादन में कमी तो लेकर आई ही है. साथ ही बांग्लादेश जैसे चावल के आयतकदेशों में खलबली मच गई है. दो महीने पहले जहां चावल के निर्यात की कीमत 365 डॉलर प्रति टन थी, वहीं यह बढ़कर 400  डॉलर प्रति टन हो गई है. आगे हालात और खराब होने के आसार हैं

रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया भर में वैसे ही गेहूं की काफी कमी हो गई थी और देशों को उम्मीद थी कि चावल से यह भरपाई की जा सकेगी लेकिन भारत के कई हिस्सों में मानसून के कमजोर आगमन की वजह से धान की फसल में खासी कमी आई है हालांकि विशेषज्ञों को अब भी उम्मीद है कि यदि बरसात हो जाए तो धान की रोपाई में बढ़ोतरी हो सकती है.

English Summary: After wheat crisis less production of rice will create problems
Published on: 04 August 2022, 02:28 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now