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Updated on: 6 July, 2021 4:16 PM IST
Farmer Protest

देशभर से आए अन्नदाता लगभग 7 महीनों से, दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान, केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं. इसलिए संसद के मानसून सत्र के दौरान किसान प्रदर्शन करेंगे. यह जानकारी संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में दी गयी. 

किसानों का एक समूह करेगा प्रदर्शन

संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार,मानसून सत्र के दौरान हर दिन संसद के बाहर 200 किसानों का एक समूह प्रदर्शन करेगा. इसके साथ ही हरियाणा के जींद में महिला किसानों ने धरना प्रदर्शन किया. इस धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश में अघोषित आपातकाल है और इस देश की जनता को जागना चाहिए.

सांसदों को चेतावनी पत्र

किसानों की तरफ से मानसून सत्र शुरू होने से पहले सदन के अंदर नए कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए सभी विपक्षी सांसदों को एक ‘‘चेतावनी पत्र’’ दिया जाएगा. इसका मतलब है कि किसान, विपक्षी सांसदों से भी मानसून सत्र के दौरान सदन में हर दिन मुद्दे को उठाने के लिए कहेंगे. किसान विपक्षी सांसदों से कहेंगे कि सदन से वॉक आउट कर केंद्र को लाभ ना पहुंचाएं. किसानों का कहना है कि जब तक सरकार मुद्दे का समाधान नहीं करती है, तब तक मानसून सत्र को नहीं चलने दिया जाए .

मांगें न सुनने पर लगातार होगा प्रदर्शन

किसानों का कहना है कि जब तक सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती, तब तक हम संसद के बाहर लगातार विरोध प्रदर्शन करेंगे. हर किसान संगठन के 5 लोगों को विरोध प्रदर्शन में शामिल किया जाएगा.

शुरू होने वाला है मानसून सत्र

जानकारी के लिए बता दें कि संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. इसके साथ ही किसान संगठनों ने 8 जुलाई को देशव्यापी विरोध का भी आह्वान किया है, जो कि पेट्रोल, डीजल और एलपीजी सिलेंडर की बढ़ती कीमतों के खिलाफ है. इस दौरान लोगों से अपने वाहनों को सड़क पर खड़ा करने की अपील की है.

इसके अलावा महिलाओं से भी गैस सिलेंडर को सड़कों पर लाने और विरोध का हिस्सा बनने के लिए कहा है.

English Summary: a group of 200 farmers to protest outside Parliament during the monsoon session
Published on: 06 July 2021, 04:21 PM IST

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