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Updated on: 25 April, 2025 5:49 PM IST
डॉ. अजय रांका, ज़ायडेक्स के एमडी और एम.सी. डॉमिनिक, फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ, कृषि जागरण और एग्रीकल्चर वर्ल्ड, दिल्ली में 6वें बायोएगटेक वर्ल्ड कांग्रेस के दौरान वर्कशॉप में शामिल हुए।

6वां बायोएगटेक वर्ल्ड कांग्रेस के तीसरे दिन की शुरूआत “पाथब्रेकिंग इनोवेशन डे” के साथ हुई है. 25 अप्रैल, 2025 को इस थीम के साथ, द लीला एम्बिएंस कन्वेंशन होटल, शाहदरा, नई दिल्ली में कृषि और सस्टेनेबिलिटी पर केंद्रित कई महत्वपूर्ण वर्कशॉप्स और सत्र आयोजित किए गए, जिनमें सस्टेनेबल फार्मिंग, माइक्रोबायोम टेक्नोलॉजी, प्रिसिजन एगटेक, ग्लोबल प्रोडक्ट लॉन्च और बायोस्टिमुलेंट्स पर चर्चा की गई.

वर्कशॉप 1: "मेक इंडिया ऑर्गेनिक, नेचुरल एंड प्रॉफिटेबल"

सुबह के सत्र की मुख्य विशेषता "इंटीग्रेटेड ऑर्गेनिक, नेचुरल एंड प्रॉफिटेबल फार्मिंग विद फार्मर सेंट्रिसिटी" थीम पर आधारित वर्कशॉप रही. इस सत्र में मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया (MFOI) कार्यक्रम के सहयोग से "मेक इंडिया ऑर्गेनिक, नेचुरल एंड प्रॉफिटेबल (MIONP)" पहल का वैश्विक स्तर पर लॉन्च किया गया.

एम.सी. डॉमिनिक, फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ, कृषि जागरण और एग्रीकल्चर वर्ल्ड, 6वें बायोएगटेक वर्ल्ड कांग्रेस में अपने संबोधन के दौरान।

सत्र की शुरुआत एक गर्मजोशी के साथ स्वागत और परिचय से हुई, जिसने एक प्रभावशाली पैनल चर्चा का मंच तैयार किया. इस पैनल चर्चा में डॉ. अजय रंका (एमडी, जाइडेक्स), एम.सी. डोमिनिक ( संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ, कृषि जगत और एग्रीकल्चर वर्ल्ड), ए.जी. कवामुरा (पूर्व सचिव, कैलिफोर्निया डिपार्टमेंट ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर) और डॉ. के.आर.के. रेड्डी (अध्यक्ष, बीआईपीए)  शामिल रहे.

डॉ. अजय रंका ने MIONP पहल की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया और किसानों की आय को प्रभावित किए बिना जैविक एवं प्राकृतिक खेती अपनाने की महत्ता को रेखांकित किया. उन्होंने एक ही फसल चक्र में लाभप्रदता हासिल करने के तरीकों पर जानकारी साझा की, जिसमें शामिल हैं खाद, फसल अवशेष और किण्वित जैविक पदार्थों का उपयोग और Zytonic जैव-उर्वरकों के माध्यम से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार.  

इसके अलावा, उन्होंने नीम के तेल के लिए माइक्रो-एनकैप्सुलेशन तकनीक (सूक्ष्म आवरण प्रौद्योगिकी) पर अपने विचार रखे और इस क्षेत्र में नवाचार को तेजी से बढ़ावा देने के लिए एक ग्रैंड चैलेंज की घोषणा की. उनका मानना है कि ये उपाय किसानों को रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने में मदद करेंगे, साथ ही पर्यावरण अनुकूल और आर्थिक रूप से लाभदायक खेती को बढ़ावा देंगे.

एम.सी. डोमिनिक ने MFOI और MIONP के बीच तालमेल पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने भारत में कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने की इन पहलों की क्षमता को रेखांकित किया. उन्होंने युवाओं के लिए कृषि को आकर्षक और आकांक्षी बनाने की आवश्यकता,  प्राकृतिक खेती पद्धतियों को मुख्यधारा में शामिल करना और सतत तरीकों से भारत को स्वस्थ बनाने के लक्ष्य पर जोर दिया. इसके अलावा, उन्होंने MIONP पहल की नींव बनाने वाले 10 मुख्य सामूहिक को भी प्रमुखता से साझा किया, जो इस कार्यक्रम की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं. 

वर्कशॉप का एक महत्वपूर्ण पड़ाव MGONP (Make Global Organic, Natural & Profitable) का वैश्विक लॉन्च रहा, साथ ही जैविक एवं प्राकृतिक लाभदायक खेती के लिए एक नए वैश्विक श्रेणी की घोषणा की गई.

सत्र का समापन दर्शकों के साथ रोचक प्रश्न-उत्तर चर्चा और समापन टिप्पणियों के साथ हुआ, जिसके बाद अगले सत्र में संक्रमण किया गया.

वर्कशॉप 2: मिट्टी, पौधे और मानव स्वास्थ्य का आपसी संबंध

दूसरे सत्र में मिट्टी के स्वास्थ्य, पौधों के स्वास्थ्य और मानव स्वास्थ्य के अंतर्संबंध पर गहन चर्चा हुई, जिसमें माइक्रोबायोम प्रौद्योगिकी (माइकोराइजा) में नवाचार और परिशुद्ध कृषि प्रौद्योगिकी (Precision AgTech) पर विशेष ध्यान दिया गया.

वर्कशॉप 2 में वक्ताओं ने मृदा, पौधों और मानव स्वास्थ्य के बीच संबंध पर चर्चा की, जिसमें माइक्रोबायोम तकनीकी और प्रिसीजन एगटेक पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया।

इस सत्र के दौरान बायोमेकर जीबीआई और अग्रोसेल के बीच आधिकारिक साझेदारी की शुरुआत की गई. इस महत्वपूर्ण अवसर पर मुख्य वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए, जिनमें डॉ. वेंकटेश देवनूर (सीईओ, एग्रीलाइफ), डॉ. अजय रंका (एमडी, जाइडेक्स), कारेल बोल्कमैन्स (बायोकंट्रोल विशेषज्ञ), एड्रियन फेरेरो (सीईओ, बायोमेकर) और डॉ. श्रॉफ (एमडी, अग्रोसेल) शामिल रहे. इस साझेदारी का उद्देश्य टिकाऊ कृषि समाधानों को बढ़ावा देना और जैविक व प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में नवाचारों को गति प्रदान करना है. विशेषज्ञों ने मृदा स्वास्थ्य, जैविक नियंत्रण तकनीकों और अग्रिम कृषि प्रौद्योगिकियों पर चर्चा करते हुए भविष्य की कृषि रणनीतियों पर प्रकाश डाला.

वक्ताओं ने मिट्टी और मानव स्वास्थ्य को बनाए रखने की चुनौतियों पर चर्चा की और इन चुनौतियों से निपटने के लिए आधुनिक उपकरणों और समाधान प्रस्तुत किए. उनके विचारों ने यह स्पष्ट किया कि माइक्रोबायोम-आधारित तकनीकों और प्रिसिजन एग्रीकल्चर टूल्स में समग्र कृषि स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की जबरदस्त क्षमता है.

वर्कशॉप का समापन एक औपचारिक हस्ताक्षर समारोह और आधिकारिक साझेदारी की घोषणा के साथ हुआ, जिसके बाद नेटवर्किंग लंच का आयोजन किया गया.

English Summary: 6th bioagtech world congress day 3 innovations sustainable farming 2025
Published on: 25 April 2025, 06:00 PM IST

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