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Updated on: 2 March, 2023 11:57 AM IST
किसानो का संसद घेराव

New Delhi: पांच किसान संघ 13 मार्च को संसद तक मार्च करने जा रहे हैं. उनकी मांग है कि पंजाब को पानी के संकट से बचाया जाए, जो रासायनिक अपशिष्टों और भूमिगत भंडारों की तेजी से कमी के कारण पैदा हुआ है.

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 20 मार्च को इस प्रदर्शन को लेकर आह्वान जारी किया था, लेकिन भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल), अखिल भारतीय किसान फेडरेशन, पंजाब की किसान संघर्ष कमेटी, बीकेयू मनसा और आजाद किसान संघर्ष कमेटी ने बाद में अपना अलग मार्च निकालने का फैसला किया और अंत में सभी किसान यूनियन एक जुट होकर यह मार्च करने जा रहे हैं.

किसान यूनियन के नेता बलबीर सिंह राजेवाल और प्रेम सिंह भंगू ने दावा किया कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारें किसानों की स्थिति में सुधार के लिए बिल्कुल ही गंभीर नहीं हैं. उन्होंने खेती में बड़े सार्वजनिक निवेश के अलावा कृषि के लिए अलग केंद्रीय और राज्य बजट की मांग है. किसान संगठनों ने केंद्र पर किसानों से किए अपने वादों से पीछे हटने का भी आरोप लगाया है.

उन्होंने सब्जियों और फलों के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कानूनी गारंटी के अलावा किसानों के लिए कुल कर्ज माफी, दिल्ली और अन्य स्थानों पर आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों को वापस लेने और लखीमपुर खीरी के लिए न्याय की मांग की है. आपको बता दें कि लखीमपुर की घटना में केंद्रीय मंत्री के बेटे के काफिले की एक कार ने कुछ प्रदर्शनकारी किसानों को कुचल दिया था.

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संगठन का यह भी दावा है कि सरकार असंतोष को दबाने के लिए अपनी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है और केंद्र पर राज्य की शक्तियों को कम करने के लिए राज्य के ग्रामीण विकास कोष और अन्य बाजार शुल्कों को कम करने का भी आरोप लगाया है.

English Summary: 5 farmer organizations together will lay siege to the Parliament on March 13
Published on: 02 March 2023, 12:06 PM IST

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