लहसुन हमारे खाद्य पदार्थों में शुमार होकर खाने का स्वाद और बढ़ाता है. लहसुन के बिना खाने का स्वाद फीका है. लहसुन की इतनी मांग को देखते हुए आप सोच रहे होंगे कि इसका मूल्य भी बेहद अधिक होगा. मगर आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्यप्रदेश की मंडियों में लहसुन 45 पैसे प्रति किलो की दर से खरीदा जा रहा है.
ऐसा सिर्फ मध्य प्रदेश का हाल नहीं है. इससे पहले महाराष्ट्र के किसानों को भी उनकी प्याज की फसल की सही कीमत नहीं मिल रही थी.
नहीं मिल रही लहसुन की सही कीमत
मध्य प्रदेश के मालवा निवाड़ में लहसुन की बंपर पैदावार हुई है, जिसके चलते मंडियों में लहसुन के दामों में भारी गिरावट देखने को मिली है. किसान परेशान हैं कि वह अब क्या करे. किसानों को गाड़ी का भाड़ा भी वसूल नहीं हो रहा है और इस कीमत पर बेचने के अलावा और कोई रास्ता भी नहीं है.
45 पैसे प्रति किलो लहसुन
मध्यप्रदेश की मंडियों में किसानों से लहसुन 45 पैसे प्रति किलो की दर से खरीदा जा रहा है. जरा सोचिए जहां इस जमाने में 45 पैसे की एक टॉफी भी नहीं आती तो वहीं दूसरी तरफ किसानों को लहसून की इतनी कम कीमत मिल रही है. राज्य के इंदौर, रतलाम, मंदसौर और नीमच मंडियों में लहसुन का थोक भाव 45 पैसे से 1 रुपए प्रति किलो है. तो वहीं दूसरी तरफ एक वक्त था जब प्रदेश में लहसुन का भाव 300 रुपए प्रति किलो भी पहुंचा था.
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लहसुन नदियों में फेंक रहें किसान
किसान फसल को मंडियों तक तो लेकर आए मगर लहसुन कीमत देखकर उनकी आंखें नम हो गई और दिल में क्रोध उत्पन्न हुआ. जिसके बाद किसानों ने अपने लहसुन को नदियों में बहाकर विरोध व्यक्त किया. तो वहीं कुछ किसान लहसुन को जलाकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
तो वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के जंतर मंतर पर फिर से किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है किसानों की मांग है कि सरकार एमएसपी पर स्थाई कानून लेकर आए. जिसके चलते जंतर मंतर में भारी संख्या में किसान इकट्ठा हो चुका हैं.