हज़ारों अकाउंट, ग्राहकों के लिए क्रेडिट और डेबिट कार्ड का इंतज़ाम, लोन की भी सुविधा. ये सारा आडम्बर फैलाया हुआ है एक फ़र्ज़ी बैंक (Fake Bank) का. जी हां! बिलकुल सही पढ़ रहे हैं आप. एक नकली बैंक जो लम्बे समय से मासूम ग्राहकों को असली बैंक जैसी सुविधाओं का झांसा देकर उनसे पैसे ऐंठ रहा था. लेकिन अब इसका पोल खुल चुका है. हम जिस फ़र्ज़ी बैंक की बात कर रहे हैं उसका नाम है. “ग्रामीण और कृषि किसान सहकारी बैंक (Rural and Agricultural Farmer’s Cooperative Bank)”.
फर्ज़ी बैंक (fake bank) का हैरान कर देने वाला ये मामला तमिलनाडु (Tamil Nadu) से सामने आया है. एक 44 साल के महाठक ने ठगी करने के लिए (Bank Fraud) पूरा बैंक ही बना डाला. अबतक हमने फ़ेक फ़ोन कॉल (fake call), ओटीपी (OTP) वग़ैरह के ज़रिये ठगी की घटनाएं सुनी थी, मगर फ़र्ज़ी बैंक का मामला वाकई चौंकाने वाला है.
फ़र्ज़ी बैंक में हज़ारों अकाउंट-
फ़र्ज़ी बैंक (fake bank) “ग्रामीण और कृषि किसान सहकारी बैंक (Rural and Agricultural Farmer’s Cooperative Bank) के तमिलनाडु (Tamil Nadu) राज्यभर में तक़रीबन 3000 अकाउंट (Bank Account) थे. केंद्रीय अपराध शाखा (CCB) ने राज्य में 9 जगहों पर छापेमारी कर फ़र्ज़ी बैंक का भांडाफोड़ किया. ग्रामीण और कृषि किसान सहकारी बैंक के नाम से तमिलनाडु के चेन्नई, ईरोड, मदूरै, कल्लाकुरिची, वृद्वाचलम, पेरम्बलूर, नामक्कल, सेलम और तिरुवण्णामलै में फ़र्ज़ी बैंक का संचालन किया जा रहा था. ये बैंक पिछले साल से चल रहे थे. ग्राहकों से अकाउंट खुलवाने के नाम पर 700 रुपये लिए जाते थे.
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56 लाख रुपये से ज़्यादा कैश बरामद-
रिपोर्ट के मुताबिक़ केंद्रीय अपराध शाखा की एक टीम ने थाउजेंड लाइट्स के चंद्रबोस को गिरफ़्तार किया. चंद्रबोस पर तमिलनाडु में 9 जगहों पर फ़र्ज़ी बैंक चलाने का आरोप है. यह शख़्स अम्बत्तूर से फ़र्ज़ी बैंकों को ऑपरेट कर रहा था. केंद्रीय अपराध शाखा की बैंक धोखाधड़ी जांच विंग को गिरफ़्तारी के दौरान 56.6 लाख रुपये कैश, कई डाक्यूमेंट और एक लग्ज़री कार बरामद हुई.
बैंक के पास था आरबीआई का फ़ेक सर्टिफ़िकेट-
मंगलवार को पुलिस कमिश्नर (चेन्नई शहर) शंकर जीवाल ने प्रेस वार्ता में बताया कि रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) की तरफ़ से अलर्ट मिलने के बाद हमने अपनी जांच शुरू की थी. बैंक के पास आरबीआई (RBI) के फ़र्ज़ी प्रमाण पत्र (fake certificate) थे.
लोन भी मिलता था-
फ़र्ज़ी बैंक अपने ग्राहकों को लोन (Bank Loan) दिया करता था और ग्राहकों से कथित तौर पर FD देने का वादा किया था. हैरानी की बात ये है कि सारी सेवाएं आरबीआई की तय दरों से ज़्यादा रेट पर थीं. जांच टीम के अनुसार 56.6 लाख रुपये बरामद किए गए हैं, आगे और पैसे मिलने की उम्मीद है.
फ़र्ज़ी बैंक (Fake Bank) का ये मामला सचमुच माथा चकरा देने वाला है. आख़िर कैसे शासन-प्रशासन की नांक के नीचे यह बैंक इतने लम्बे समय से संचालित हो रहा था? क्यों किसी को ऐसे फ़ेक बैंक की भनक तक नहीं लगी जो 9 जगहों पर लोगों को ठग रहा था? इस तरह के सवाल उठने लाज़मी हैं.