केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा मध्य प्रदेश शासन एवं जिला प्रशासन के सहयोग से मुरैना में आयोजित तीन दिवसीय वृहद कृषि मेला एवं प्रदर्शनी का शुभारंभ 11 नवंबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री तथा क्षेत्रीय सांसद नरेंद्र सिंह तोमर कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे. इस आयोजन में चंबल-ग्वालियर अंचल के लगभग 35 हजार किसान शामिल होंगे. किसानों के मार्गदर्शन के लिए प्रतिदिन विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर 12-12 सत्र अलग-अलग तथा 4-4 सत्र सामूहिक होंगे, जिनमें देशभर के कृषि विशेषज्ञ जानकारी एवं प्रेजेन्टेशन देंगे.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा 103 अमृत सरोवरों का लोकार्पण तथा संजीवनी केंद्रों का शिलान्यास भी किया जाएगा. साथ ही स्टेडियम में इंडोर-आउटडोर सभी सुविधाओं के लिए 10 करोड़ रुपये की लागत से होने वाले कार्यों का भूमिपूजन भी किया जाएगा. मेले में दूसरे दिन गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत आएंगे. मेले में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्चुअल माध्यम से जुड़ेंगे, वहीं केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष- सांसद विष्णु दत्त शर्मा, म.प्र. के कृषि मंत्री कमल पटेल, राज्य मंत्री- नर्मदा घाटी विकास, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह भी शामिल होंगे.
केंद्रीय मंत्री तोमर ने दिल्ली से वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि ग्वालियर-चंबल अंचल को कृषि क्षेत्र में उन्नत व अग्रणी बनाने के लिए कृषि मेला एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है. इसमें कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि आंचलिक केंद्रों के वैज्ञानिक, कृषि विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ ही कृषि से जुड़ी सरकारी-गैर सरकारी विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल होकर किसानों को मार्गदर्शन प्रदान करेंगे. इस आयोजन की यह विशेषता है कि इसमें कृषि की नई टेक्नालॉजी और आधुनिक कृषि को अपनाने में रूचि रखने वाले किसानों का प्रतिभाग बड़ी संख्या में हो रहा है. सभी जागरूक किसानों को उन्नत कृषि उत्पादन, नई कृषि टेक्नालॉजी तथा उन्नत कृषि यंत्रों को अपनाने और उनके उपयोग पर प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे इस आयोजन से सीखकर अपनी खेती को और अधिक लाभकारी बना सकें.
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उन्होंने बताया कि कृषि प्रदर्शनी का आयोजन भी होगा, जिसमें केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी स्टालों के माध्यम से प्रदान की जाएगी, साथ ही निजी क्षेत्र की कृषि के विभिन्न आदानों की आपूर्ति से संबंधित कंपनियां/संस्थाएं भी उत्पाद स्टालों के माध्यम से प्रदर्शनी में शामिल हो रही हैं. प्रदर्शनी में 132 स्टाल किसानों को अद्यतन जानकारी के लिए लगाए गए हैं. ऐसे अनेक उपकरणों व पेस्टिसाइड्स का भी प्रदर्शन होगा, जिनसे खेती में लागत घटाई जा सकती है तथा प्रगतिशील किसानों की सक्सेस स्टोरीज भी कार्यक्रम के दौरान देखने को मिलेगी
मंत्री तोमर ने बताया कि मेले में किसानों को प्रशिक्षण दो सत्रों में दिया जाएगा. दोपहर पूर्व किसानों को सामूहिक रूप से, प्राकृतिक खेती के महत्व व आवश्यकता, जैविक खेती अपनाने, सरसों की उच्च उपज की किस्मों का उपयोग एवं उत्पादकता में वृद्धि, साइल हेल्थ कार्ड व खेती में मिट्टी के परीक्षण की महत्ता, खेती को सुरक्षित करने में फसल बीमा का महत्व, उद्यानिकी के अंतर्गत सब्जी, फलों, मसालों की उन्नत किस्मों की खेती, बीज उत्पादन, मिलेट की उन्नत किस्मों का उत्पादन तथा उपयोग, मूल्य संवर्धन, रोजगार सृजन, उन्नत पशुपालन, डेयरी विकास, मत्स्य पालन, पशु रोगों की रोकथाम सहित अन्य विषयों पर तीनों दिन जानकारी दी जाएगी.
दोपहर बाद वाले सत्र में किसानों को पंडालों में समूह बनाकर कृषि के महत्वपूर्ण विषयों जैसे फसल विविधीकरण, नैनो यूरिया का महत्व व ड्रोन से छिडकाव, अमरूद उत्पादन की उन्नत तकनीक, प्रसंस्करण- विपणन, आलू की अनुबंधित खेती, मधुमक्खी पालन, शहद की प्रोसेसिंग तथा मार्केटिंग, मशरूम उत्पादन की उन्नत तकनीक, कृषि में महिलाओं की भागीदारी, किसान उत्पादन संगठन एवं स्वयं सहायता समूह गठन की प्रक्रिया, दुग्ध उत्पादन में वृद्धि, पशुओं की नस्ल सुधार इत्यादि पर प्रशिक्षण दिया जाएगा.
इस आयोजन के माध्यम से चंबल-ग्वालियर अंचल में खेती का और विकास संभव होगा. केंद्रीय मंत्री तोमर ने अंचल के सभी सामाजिक संगठनों व जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि वे भी किसानों के लिए अत्यंत लाभदायक इस आयोजन में किसानों की अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित करें. छोटे किसानों की संख्या अधिक है, जिन्हें सुविधाएं देना व लाभ पहुंचाना इस कार्यक्रम का उद्देश्य है. आयोजन के लिए जिला प्रशासन द्वारा व्यवस्थाएं की गई हैं.