Krishi Yantra Yojana: रोटावेटर और मल्टी क्रॉप थ्रेशर समेत इन 6 कृषि यंत्रों पर मिल रहा 50% तक अनुदान, जानें कैसे उठाएं लाभ Dudharu Pashu Bima Yojana: दुधारू पशुओं का होगा बीमा, पशुपालकों को मिलेगी 75% सब्सिडी, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया! PM Kusum Yojana से मिलेगी सस्ती बिजली, राज्य सरकार करेंगे प्रति मेगावाट 45 लाख रुपए तक की मदद! जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 6 May, 2020 7:18 PM IST

कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है. ऐसे में सभी लोग अपने घरों में कैद हैं. हालांकि सरकार द्वारा कृषि कार्यों को जारी रखने की अनुमति मिल गई है. मगर इस गंभीर बीमारी के डर से कोई अपने घरों से बाहर निकलना नहीं चाहता है. इसका सीधा असर सब्जी के बाजारों पर पड़ रहा है. बता दें कि सब्जी मंडियों में खरीदारों की कमी के कारण किसान अपनी फसलों को सड़कों पर फेकने के लिए मजबूर हो गए हैं.

शिमला मिर्च की फसल हुई बर्बाद

इस वक्त इंदौर-भोपाल की थोक मंडियां बंद चल रही हैं. इससे सब्जी उगाने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में एक खबर सामने आई है कि यहां इस बार चापड़ा के एक किसान ने लगभग 4 लाख रुपए की लागत से 5 बीघा खेत में पिकाडोर और 3 बीघा में शिमला मिर्च की खेती की थी. जब तक फसल तैयार हुई, तब तक देशभर में कोरोना की वजह से लॉकडाउन लग गया और इंदौर और भोपाल की सारी थोक मंडियां बंद हो गईं. इससे किसान अपनी फसल मंडी में नहीं बेच पाया है, जिसके बाद किसान ने खेत में मजदूर लगाकर शिमला मिर्च की तुड़वाई करवाकर खेतों से बाहर फेंकना पड़ा.

किसान को लगभग 24 लाखा का हुआ नुकसान

कोरोना और लॉकडाउन की स्थिति में किसान को लगभग 24 लाख रुपए की फसल सड़कों पर फेंकनी पड़ी है. इसके अलावा दूध और अंडा के उत्पादन से जुड़े किसानों को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि इन दिनों बाजार में कई उत्पादों की मांग कम हो गई है. इस कारण किसानों को काफी नुकसान हो रहा है.

ये खबर भी पढ़ें: जन कल्याण संबल योजना: गरीब परिवारों के लिए फिर शुरू हुई ये योजना, जानें कैसे मिलेगा हजारों रुपए का लाभ

English Summary: 24 lakh rupees crop was lost to farmer
Published on: 06 May 2020, 07:20 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now