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Updated on: 6 February, 2020 12:51 PM IST

सही कहा गया है कि अगर कड़ी मेहनत को अपना हथियार बना लिया जाए, तो सफलता आपकी गुलाम बन जाती है. इस कहावत को बिहार के भागलपुर के ध्रुवगंज गांव में रहने वाले 19 साल के गोपाल ने सच साबित कर दिखाया है. आज गोपाल दुनियाभर के लिए एक मिसाल बन चुके हैं. उनके आविष्कार ने न सिर्फ़ देश का नाम रौशन किया है, बल्कि किसान और आम लोगों के लिए कई तरह की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई हैं, तो आइए आपको गोपाल और उनकी सफलता से रूबरू कराते हैं.

गोपाल का लक्ष्य

उनका लक्ष्य देश की सेवा करना है, इसलिए वह 3 बार नासा का ऑफर भी ठुकरा चुके हैं. इतना ही नहीं उन्हें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मिलने का न्योता भी भेजा था, लेकिन वह टस-से-मस नहीं हुए, क्योंकि उन्हें देश को उन्नति की राह पर ले जाना है न की खुद को. गोपाल ने फैसला लिया है कि अब वह हर साल देश के 100 बच्चों की मदद करेंगे. इस काम की शुरूआत साल 2019 में हो चुकी है. उन्होंने लगभग 8 बच्चों के आविष्कार का प्रोविजनल पेटेंट भी करवाया है, फिलहाल अभी  गोपाल देहरादून की सरकारी ग्राफिक एरा इंस्टीट्यूट की लैब में टेस्टिंग कर रहे हैं. इसके बाद वह झारखंड में लैब बनाकर रिसर्च करने वाले हैं.

गोपाल का सफर

गोपाल ने 12वीं की पढ़ाई तुलसीपुर के मॉडल हाईस्कूल से पूरी की. उन्होंने साल 2013-14 में 10वीं की पढ़ाई करते वक्त बायो सेल का आविष्कार किया, जिसके लिए उन्हें इंस्पायर्ड अवॉर्ड दिया गया है. उनके गांव में साल 2008 में बाढ़ आ गई थी, जिसमें उनका सब कुछ बर्बाद हो गया. उनके पिता प्रेमरंजन कुंवर एक किसान हैं, जो गोपाल को 10वीं के बाद पढ़ा न सके, लेकिन गोपाल ने कभी हार नहीं मानी, क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में कुछ नया और अनोखा करने की सोच रखी थी. गोपाल का मानना था कि वह कुछ ऐसा करें, जिससे उन्हें स्कॉलरशिप मिल जाए.

इसी कड़ी में उन्होंने 31 अगस्त 2017 में पीएम मोदी से मुलाकात की. इसके बाद पीएम मोदी ने उन्हें एनआईएफ़, अहमदाबाद भेज दिया. जहां उन्होंने कड़ी मेहनत के बाद 6 आविष्कार किए. अब गोपाल का नाम दुनियाभर के 30 स्टार्टअप साइंटिस्ट में से एक है. बता दें कि अप्रैल में अबुधाबी में दुनिया का सबसे बड़ा साइंस फ़ेयर होने जा रहा है, जिसमें लगभग 6 हजार साइंटिस्ट शामिल होने वाले हैं. इस फ़ेयर में गोपाल चीफ़ स्पीकर के रूप में होंगे.

गोपाल के अनूठे प्रयोग

  1. वेस्टेज पेपर से बिजली

  2. केले के लिक्विड से हेयर डाई बनाई

प्रयोग की जानकारी

पेपर बायो सेल- गोपाल ने अपने इस प्रयोग में वेस्टेज पेपर से बिजली बनाई है.

जी स्टार पाउडर- इसको लगाकर 5 हजार डिग्री सेल्सियस का हीट गेन कर सकते हैं.

गोपोनियम एलोय– इसमें कई एलिमेंट का प्रयोग किया गया है. खास बात है कि किसी भी हीट पर इसका रूप नहीं बदलेगा.

हाइड्रो इलेक्ट्रिक बायो सेल– गोपाल के बनाए इस डिवाइस से 50 हजार वोल्ट की बिजली स्टोर कर सकते हैं.

गोपालासका– यह प्रयोग न्यूक्लियर अटैक से पैदा रेडिएशन को कम कर सकता है. बता दें कि अब इसका असर 5 सालों में खत्म किया जा सकेगा, जबकि न्यूक्लियर अटैक का रेडिएशन 100 सालों तक रहता है.

बनाना नैनो फाइबर एंड क्रिस्टल– गोपाल ने अपने इस प्रय़ोग में केले के थंब से नैनो फाइबर बनाया है. इसके बाद उससे जेल बनाया, जिसके द्वारा डाइपरी प्रोडक्ट बनाए जाएंगे. इसके अलावा फाइबर से बुलेट प्रूफ़ जैकेट भी बनाया जा सकता है, तो वहीं केले के पत्ते से टिशू पेपर, फाइल कवर और कार्टन बनाया जा सकता है. आपको बता दें कि गोपाल का यह प्रयोग बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके उपयोग से लिक्विड से हेयर डाई बनाया जा सकता है, साथ ही इसको एक बार लगाने पर बाल हमेशा के लिए काले हो जाएंगे. केले के थंब से ईंटें भी बनाई जा सकेंगी. खास बात है कि इससे बने मकान पानी पर तैरेंगे. इसके उपयोग से गर्मियों के दिनों में एसी की ज़रूरत नहीं पड़ने वाली है. बता दें कि लिक्विड से इलेक्ट्रिक बैटरी भी बनाई गई है, जो 10 गुना ज्यादा पावरफुल है.

सोलर माइल– इसको सोलर एनर्जी और विंड एनर्जी से मिलाकर बनाया है. गोपाल के इस प्रयोग में जब 2 किमी की रफ्तार से हवा चलेगी, तो इससे बिजली स्टोर होती है. 

बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक– इस प्रयोग में केले के थंब से बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक बनाया गया है. इसका उपयोग करने के बाद यह खुद खाद बन जाएगा, जिसको किसान खेतों में इस्तेमाल कर सकते हैं.

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English Summary: 19 year old scientist from bihar gopal turns down nasa offer 3 times
Published on: 06 February 2020, 12:53 PM IST

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