Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 13 May, 2021 6:52 PM IST
Tractor

इस दुनिया में दो किस्म के लोग होते हैं. एक वे जो मुसीबतों के आगे नतमस्तक होकर हालातों से समझौता कर लिया करते हैं और एक वे जो मुसीबतों का दटकर सामना कर नया कीर्तिमान स्थापित करते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स से मुखातिब कराने जा रहे हैं, जिन्होंने मुश्किलों को देखकर हार नहीं मानी, बल्कि दट कर उसकासामना किया और वो कर दिखाया, जिसकी कल्पना कभी किसी ने नहीं की थी.

जी हां...राजस्थान के बारां जिले के रहने वाले महज 19 वर्षीय योगेश कुमार ने यह कमाल कर दिखाया है. योगेश कोटा में रहकर बीएससी फर्स्ट इयर में पढ़ रहे हैं. जब उन्हें एकाएक यह खबर मिली कि उनके पिताजी के पैर में चोट लग गई है, जिससे खेती-बाड़ी का काम प्रभावित हो रहा है, लिहाजा वे अपनी पढ़ाई छोड़कर फौरन घर चले आए. योगेश कतई नहीं चाहते थे कि उनकी पढ़ाई को नुकसान पहुंचे, लेकिन अफसोस परिवार की इल्तिजा के आगे वे मजबूर हो चुके थे, लिहाजा वे अपने घर आ गए और अपनी पिताजी की खेती-बाड़ी काम देखने लगे. इस दौरान वे ट्रैक्टर चलाकर खेती-बाड़ी का काम पूरा करते रहे, ताकि परिवार को कुछ मदद मिल सके.

योगेश खेतीबाड़ी के काम में मशगूल ही थे कि एकाएक उनके जेहन में यह सवाल उठा कि क्यों न एक ऐसा ट्रैक्टर बनाया जाए, जिसको चलाने के लिए किसी इंसान की जरूरत ही न हो. बेशक, अपने जेहन में आए इस ख्याल को धरातल पर उतारना उनके लिए उतना आसान नहीं था. राहों में बेशुमार मुश्किलें थी, मगर उन्होंने हार नहीं मानी. उन्होंने यह दृढ़संकल्प ले लिया कि चाहे कुछ भी हो जाए. मैं एक ऐसा ट्रैक्टर जरूर बनाऊंगा, जिसे बिना किसी ड्राइवर के चलाया जा सके. इसके बाद उन्होंने अपने इस ख्याल को अपने पिताजी के साथ साझा किया. पिताजी को योगेश की यह राय खूब भाई और इस काम में उन्होंने अपने बेटे का पूरा साथ भी दिया.

योगेश के पिता ने कहा कि ठीक है, पहले तुम एक छोटे से प्रोजेक्ट पर काम करो, अगर तुम इसमें सफल रहे, तो फिर बड़े प्रोजेक्ट के काम में तुम्हारी मदद करूंगा, लिहाजा छोटे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए योगेश को उनके पिताजी ने 2 हजार रूपए दिए और वो इसमे कामयाबभी हुए. योगेश ने अपने पिता को किया वादा पूरा कर दिखाया, जिसके बाद योगेश के पिताजी को लगा कि उनका बेटा बड़े प्रोजेक्ट में भी सफल हो सकता है.

शुरू किया बड़े प्रोजेक्ट पर काम 

अपने पहले प्रोजेक्ट में काम करने के बाद योगेश ने अपने दूसरे प्रोजेक्ट में काम करना शुरू कर दिया. दूसरे प्रोजेक्ट में काम करने के लिए योगेश को 50 हजार रूपए की दरकार थी, जिसकी पूर्ति के लिए उनके पिताजी ने सैंकड़ों लोगों से मदद ली, तब जाकर यह रकम पूरी हो पाई. इसके बाद फिर योगेश ने पूरी मेहनत और लगन के साथ काम करना शुरू कर दिया और आखिरकार अपने द्वारा कहे अल्फाजों को हकीकत में तब्दील करके दिखा ही दिया. योगेश ने एक ड्राइवरलैस ट्रैक्टर तैयार कर ली, जिसे बिना किसी ड्राइवर के महज रिमोर्ट की मदद से चलाया जा सकता है.

अब ऐसा है आगे का प्लान

यहां हम आपको बताते चले कि अब योगेश आगामी भविष्य में भारतीय सेना के लिए ड्राइवरलैस टैंक बनाना चाहते हैं. इस दिशा में उन्होंने काम शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि वे बहुत जल्द ही अपनी इस मंजिल को भी प्राप्त कर दिखा लेंगे.

English Summary: 19 year old boy build a driverless tractor
Published on: 13 May 2021, 07:02 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now