LPG Cylinder Price: आज से 30 रुपये सस्ता मिलेगा गैस सिलेंडर, यहां देखें नए रेट CSIR ने विकसित किया नया कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर, पांच पॉइंट्स में जानें बेहतरीन फीचर्स Bank Holidays List: जुलाई में 12 दिन बंद रहेंगे देशभर के बैंक, देखें छुट्टी की पूरी लिस्ट Vermicompost: केंचुआ खाद कृषि भूमि के लिए है वरदान, यहां जानें इससे जुड़ी सभी जानकारी भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Home Gardening: घर के गमले में पत्ता गोभी उगाना है बेहद आसान, जानें पूरा प्रोसेस Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Black Pepper Farming: किसानों के लिए ‘काला सोना’ है काली मिर्च, यहां जानें कैसे होती है यह लाभकारी खेती
Updated on: 26 June, 2024 5:57 PM IST
ट्रैक्टर के टायरों में क्यों भरा जाता है पानी? (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Water Tyre Benefits: खेती बाड़ी के कामों में ट्रैक्टर अहम भूमिका निभाते हैं, किसान एक ट्रैक्टर के साथ खेती-किसानी के कई कठिन कामों को कम समय और लागत में आसानी से पूरा कर पाते हैं. वक्त के साथ-साथ कृषि तकनीकों में सुधार हो रहा है और मशीनों की कार्यक्षमता बढ़ानें के लिए नई-नई टेक्नोलॉजी को अपनाया जा रहा है, जिससे उत्पादकता में वृद्धि हो रही है. आपने देखा होगा कि ट्रैक्टर के टायरों में पानी भरा जाता है, और खेतों में काम किया जाता है. बता दें, ट्रैक्टर के टायरों में लगभग 60 से 80 प्रतिशत तक पानी  भरा जाता है, इसे बैलैस्टिंग ऑफ़ टायर्स कहा जाता है.

आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानें, ट्रैक्टर के टायरों में पानी क्यों भरा जाता है, और इसके क्या फायदे है?

वजन बढ़ाने के लिए 

ट्रैक्टरों के टायरों में पानी भरने का मुख्य कारण ट्रैक्टर का वजन बढ़ाना होता है. टायर में पानी भरजाने के बाद ट्रैक्टर का वजन बढ़ जाता है, जिससे टायर जमीन पर अपनी पकड़ मजबूत बना पाते हैं. इस ट्रिक का विशेष रूप से उपयोग ट्रैक्टर के लिए भारी और कठिन कामों को करने के लिए किया जाता है. किसान खेत जोतना या भारी उपकरणों को संचालित करने के लिए ट्रैक्टर के टायरों में पानी डालते हैं.

ये भी पढ़ें: New Holland Simba 30 VS Eicher 312: जानें 30 HP में कौनसा है सबसे दमदार मिनी ट्रैक्टर?

एयर और वॉटर टाइप वॉल्व

आपको बता दें, ट्रैक्टर के टायर चाहे ट्यूब वाले या ट्यूबलैस दोनों ही प्रकार के टायरों में पानी को भरा जा सकता है. खेड़ीबाड़ी के लिए उपयोग होने वाले ट्रैक्टरों के टायरों में वॉल्व “एयर और वॉटर टाइप” होते है. इनमें पानी भरने के बाद टायर के अंदर की हवा दूसरे वाल्व से बाहर निकलने लग जाती है.

पानी से भरे खेत में आसानी से काम

अधिकतर ट्रैक्टरों को पानी से भरे हुए खेतों में काम करना पड़ता है. पानी से जमीन फिसलन भरी हो जाती है और ऐसे में ट्रैक्टर के टायर फिसलने लगते हैं. हवा भरे हल्के टायर ऐसी सतह में आते ही फिसलनें या एक ही जगह पर घूमने लगते हैं. वहीं पानी भरने के बाद ट्रैक्टर के टायर फिसलन भरी सतह में अपनी पकड़ बना लेते हैं और खेतों में बिना फंसे आसानी से काम करते हैं.

कर्षण में होती है वृद्धि

ट्रैक्टर के टायर को भारी करने के लिए वॉटर बैलेस्टिंग या टायर में पानी भरना ही किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प होता है. टायरों में पानी भर जाने के बाद टायर का वजन बढ़ता है, जिससे कर्षण में वृद्धि होती है. बता दें, कर्षण का संबंध घर्षण से होता है, और घर्षण भार पर निर्भर करता है.

English Summary: why tractor tyre filled with water tyre benefits in hindi
Published on: 26 June 2024, 06:03 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now