RTO Rules For Tractor: खेती के लगभग सभी कामों को करने के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया जाता है. किसान एक ट्रैक्टर के साथ खेत जोतने से लेकर अपनी फसल को ट्रैक्टर-ट्राली से मंडी ले जाने तक के सभी काम आसानी से कर सकते हैं. बता दें, ट्रैक्टर को ‘किसानों का पुत्र’ भी कहा जाता है. जिस प्रकार भारत में सभी गाढ़ियों को सड़क पर चलने के लिए नियम बनाए गए है, ठीक उसी तरह ट्रैक्टर चलाने को लेकर भी कई नियम बनाए गए है. यदि किसान खेतों में भी उन नियमों का पालन किसान नहीं करते हैं, तो इससे उन्हें भारी भरकम जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.
आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानें, ट्रैक्टर चलाते वक्त किसानों को किन नियमों की जानकारी होना बेहद जरूरी है.
1. कृषि ट्रैक्टर का व्यावसायिक उपयोग
आपकी जानकारी के लिए बता दें, भारत में सबसे अधिक ट्रैक्टरों का पंजीकृत कृषि कार्य के लिए किया जाता है, जिनका इस्तेमाल खेतीबाड़ी के कामों को करने के लिए ही किया जाता है. लेकिन अगर उसी ट्रैक्टर का उपयोग व्यावसायिक तरीके से किया जाता है, तो ट्रैक्टर मालिक के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है. इसके तहत किसान पर कार्रवाई की जा सकती है और उसे एक लाख रुपये तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.
2. ओवरलोडिंग पर चालान
देश में बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्राली का उपयोग व्यावसायिक तौर किया जाता है, ऐसे में ज्यादातार कारोबारी अपने ट्रैक्टर को ओवरलोडिंग करके चलाते हैं. लेकिन आपको बता दें, ट्रैक्टर की ओवरलोडिंग, फिटनेस और परिमट ने होने पर कार्रवाई की जा सकती है और जुर्माना लगाया जाता है. बता दें, यदि कोई किसान कृषि कार्यों में भी ट्रैक्टर को ओवरलोड करके चलाता है, तो उससे भी जुर्माना वसूलने का प्रावधान है.
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3. सवारी ढोने पर है जुर्माना
यदि कोई किसान कृषि कार्य के अलावा ट्रैक्टर पर सवारियां ढोने का काम करते हैं, तो ऐसे में उसे 2200 रुपये प्रति सवारी के हिसाब से जुर्माना देना होता है. बता दें, किसी भी अनाधिकृत वाहन से सवारियों को ढोने का काम नहीं किया जा सकता है.
4. मूल संरचना में परिवर्तन पर जुर्माना
ट्रैक्टर मालिक अपने ट्रैक्टर की मूल संरचना में किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं कर सकता है. यदि वह अपने ट्रैक्टर के मूल संरचना में बदलाव या परिवर्तन करता है, तो उससे 1 लाख रुपये तक का जुर्माना वसूला जा सकता है.
5. ट्रैक्टर चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस
वाहन चाहे कोई भी लेकिन आपको उसे चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की आवश्यकता होती है, ठीक उसी तरह ट्रैक्टर चलाने के लिए भी ट्रैक्टर मालिक को ड्राइविंग लाइसेंस चाहिए होता है. बता दें, कोई भी लाइट मोटर व्हीकल (LMV) ड्राइविंग लाइसेंस धारक ट्रैक्टर चला सकता है, इस लाइसेंस के साथ 7500 किलोग्राम तक के वाहन को चलाया जा सकता है.
6. ट्रॉली पंजीकरण जरूरी
ट्रैक्टर मालिक को ट्रॉली का भी पंजीकरण करवाना होता है. यदि कोई किसान ट्रैक्टर की ट्रॉली का पंजीकरण करवाए बिना उसका संचालन करता है, तो उसकी ट्राली सीज हो सकती है और उसे जुर्माना भी देना पड़ सकता है.