Top 5 Machines For Crop Residue Management: खेतीबाड़ी के कामों को करने के लिए किसान को कई तरह के कृषि उपकरणों को आवश्यकता होती है. किसान मशीनों के साथ जुताई से लेकर ढुलाई तक के सभी कामों को कम समय और लागत में पूरा कर सकते हैं. खेती के विभिन्न कामों के लिए अलग-अलग मशीनों का उपयोग किया जाता है, ठीक इसी प्रकार फसलों की कटाई के बाद खेतों में बचे अवशेष का प्रबंधन करने के लिए अलग कृषि यंत्रों की आवश्यकता होती है. कृषि यंत्रों का उपयोग करके किसान अपनी खेती को लाभकारी और पर्यावरण के अनुकूल बनाते हैं.
आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए उपयोग होने वाले 5 कृषि यंत्रों के बारे में जानें.
रीपर कम बाइंडर मशीन
छोटे जोत खेती करने वाले किसानों के लिए रीपर कम बाइंडर मशीन बेहतरीन विकल्प होती है. धान एवं गेहूं की फसल कटाई के लिए यह एक आधुनिक यंत्र है. इसी मशीन की मदद से किसान फसल की कटाई के साथ-साथ अवशेषों को बांधने का काम भी कर सकते हैं. रीपर कम बाइंडर मशीन की मदद से किसान एक घंटे में लगभग 1 एकड़ अथवा 0.4 हैक्टर क्षेत्र में फसल कटाई कर सकते हैं. किसान इस मशीन के साथ मजदूरी खर्चे में काफी हद तक बचत कर सकते हैं.
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स्ट्रॉ बेलर
स्ट्रॉ बेलर एक महत्वपूर्ण कृषि यंत्र है, जो फसल कटाई के साथ-साथ बची हुई पराली को एकट्ठा करके उसके गट्ठर बना देता है. इससे नरवाई को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में आसानी हो जाती है. किसान इस मशीन के साथ 1 घंटे में लगभग 0.3 से 0.4 हैक्टेर क्षेत्र की कटाई कर सकते हैं. इसके अलावा, स्ट्रॉ बेलर मशीन को अन्य किसानों को किराए पर देकर अतरिक्त आमदनी भी प्राप्त की जा सकती है.
हैप्पी सीडर
हैप्पी सीडर मशीन खेत से फसल अवशेष को निकाले बिना ही फसल की सीधी बुवाई कर सकती है. इस मशीन के आगे एक रोटावेटर यूनिट लगी होती है, जिससे फसल अवषेश कटकर खेत की मिट्टी में मिल जाती है और खाद में परिवर्तित होकर मिट्टी की उवर्रक शक्ति बढ़ाती है. हैप्पी सीडर मशीन के पिछे जीरो ट्रेलर लगा होता है, जो फसलों की बुआई करके खेती में बचत बढ़ाती है. इस मशीन के साथ किसान 1 घंटे में लगभग 0.3 से 0.4 हैक्टर क्षेत्र में काम कर सकते हैं.
रोटरी मल्चर
रोटरी मल्चर फसल अवशेष प्रबंधन के लिए उपयोग होने वाले कृषि यंत्रों में से एक है. इस मशीन की मदद से किसान फसल के अवशेषों और घास को हटाकर जैविक खाद में परिवर्तित कर सकते हैं, यह मशीन अवशेषों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटती है और खेत की सतह पर जैविक सामग्री की एक परत बन जाती है, जो मिट्टी की नमी को बनाए रखने में मदद करती है. इस प्रक्रिया से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है. किसान रोटरी मल्चर मशीन के साथ एक घंटे में लगभग 0.5 से 0.7 हैक्टर क्षेत्र में काम कर सकते हैं.
स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम
स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम जिसे किसानों के बीच सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम के नाम भी पहचाना जाता है, इस उपकरण को कंबाइन हार्वेस्टर पर लगाया जाता है. इसके पीछे से निकलने वाली पराली बहुत बारीक टुकड़ों में काट जाती है, जिससे किसानों को पराली जलाने की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे वायु प्रदूषण कम होता है और भूमि की उर्वरता में सुधार होता है.