आधुनिक कृषि के लिए कृषि यंत्रो का होना आवश्यक है। यह किसानों के श्रम को कम करके उत्पादकता में वृद्धि करता है परन्तु राजस्थान में किसान की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने से वह महंगे कृषि यंत्रो में निवेश नहीं कर सकता है प्रदेश में लघु एंव सीमांत कृषकों को आधुनिक कृषि यंत्र किराये पर उपलब्ध करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने अभिनव योजना "कस्टम हायरिंग केन्द्रों " का उदघाटन किया. अब उन्हें कृषि कार्य के लिए जरुरी महंगे यंत्र खरीदना जरुरी नहीं है. यह करीब सभी कृषि उपकरण नियमानुसार किराए पर उपलब्ध करने की योजना है. कृषि यंत्र किराये पर लेने के लिए टोल फ्री कॉल सेन्टर या मोबाइल एप पर एडवांस बुकिंग करवानी होगी. अगले तीन साल में 2,652 ऐसे केन्द्र खोले जाएंगे जिनके माध्यम से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा.
इस योजना के अंतर्गत ‘कस्टम हायरिंग सेंटर‘ खोलने के लिए सरकार की ओर से भी आर्थिक मदद की जाएगी इसके तहत यदि किसान आवेदन करता है तो उसे नियमानुसार कुल लागत का 40 प्रतिशत अनुदान विभाग की ओर से दिया जायेगा. इसी प्रकार यदि किसान समूह में आवेदन करते हैं तो उन्हें नियमानुसार कुल लागत का 80 प्रतिशत तक अनुदान देने का प्रावधान है. अनुदान 10 लाख से एक करोड़ रूपये तक दिया जायेगा.
कृषक पात्रता
सभी श्रेणी के किसानों को लाभान्वित किया जायेगा अनुसूचित जाति,जनजाति, महिलाओं, बी. पी. एल धारको, लागु एंव माध्यम कृषको को प्राथमिकता दी जाएगी ‘‘पहले आओ पहले पाओ‘‘ के अनुसार पात्र किसानों को अनुदान राशि दी जाएगी.
एक किसान को विभाग की किसी भी योजना में एक प्रकार की कृषि यन्त्र जैसे सीड फर्टिलाइजर ड्रिल, प्लाऊ, थ्रेसर अदि पर तीन वर्ष की अवधि में केवल एक बार ही अनुदान देय होगा. एक किसान को एक वित्तीय वर्ष में समस्त योजनाओ में अलग प्रकार की अधिकतम 3 कृषि यंत्रो पर अनुदान दिया जा सकेगा.
अनुदान हेतु आवेदन कैसे करे (How to apply for grant)
किसानों अनुदान प्राप्त करने हेतु अपने क्षेत्र के ई- मित्र कियोस्क पर निर्धारित लागू शुल्क देकर आवेदन करे। सभी श्रेणी के किसान कृषि यंत्रो पर अनुदान के लिए आवेदन पत्र पर कृषक की स्वः प्रमाणित फोटो, स्वः हस्ताक्षरित बिल की प्रति, भामाशाह कार्ड, आधार कार्ड की प्रति, अनुदान क्लेम विभाग के स्थानीय अधिकारियो के द्वारा प्रमाणित, बचत खाते की पास बुक की फोटो प्रति तथा अन्य वांछनीय दस्तावेजों की सेकंड प्रतियां लगाया जाना अनिवार्य है.
उप निर्देशक, कृषि जिला परिषद कार्यालय द्वारा प्राप्त आवेदनों को रजिस्टर में इंद्राज कर भौतिक सत्यापन उपरांत कृषको को बजट की उपलबध्ता की अनुरूप वीर्यता की क्रम में नियमानुसार अनुदान से लाभान्वित किया जाता है.
अनुदान वितरण प्रक्रिया (Grant distribution process)
यन्त्र क्रय करने की उपरांत यथा शीघ्र अनुदान हेतु आवेदन करना होगा तथापि कृषक सम्बंधित वित्तीय वर्ष में अनुदान हेतु पात्र माना जायेगा. कृषकों की अनुदान क्लेम का भुगतान उनके बैंक खाते में ऑनलाइन ही देय होगा. अन्य जिले के पंजीकृत स्त्रोत से कृषको द्वारा सीधी खरीद के क्लेम का भुकतान उपरोक्त प्रक्रिया के अनुरूप ही किया जावेगा. आपूर्ति स्त्रोत अधिकृत पंजीकृत क्रय विक्रय सहकारी समिति ग्राम सेवा सहकारी समिति अथवा राज्य के कैसे भी जिले में पंजीकृत निर्माता विक्रेता से कृषि यन्त्र करने पर ही अनुदान देय होता है.
यदि किसान द्वारा यंत्रो का क्रय अन्य जिलों के पंजीकृत स्रोत से किया गया है, तो कृषक के द्वारा उस जिले के पंजीकृत आपूर्ति स्रोत का प्रमाण अनुदान क्लेम के साथ प्रस्तुत करना होगा.
पूर्वा दय्या, पीएचडी,
एम.पी.यू.टी उदयपुर,
Email: purva.mpuat@gmail.com
राहुल सिंह चौहान, सीनियर रिसर्च फेलो,
एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, जोधपुर
Email: word2rahul@gmail.com